दौसा. विधानसभा उपचुनाव के नतीजों में दौसा के दंगल में एक बार फिर कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है. बैरवा ने बीजेपी प्रत्याशी को करीब 2300 वोटों से हराया है. हालांकि परिणाम आने के बाद बीजेपी ने रीकाउंटिंग की मांग की है. इस पूरे मामले पर प्रशासन विचार-विमर्श करने में जुटा हुआ है. मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई और भाजपा प्रत्याशी जगमोहन मीणा ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा कि, अपनों ने दिया है धोखा तो ओरों से क्या शिकायत करें. वहीं, उन्होंने कहा कि वो आगे भी लोगों की सेवा करते रहेंगे. बीजेपी कैंडिडेट जगमोहन मीणा ने कहा कि भितरघात नहीं करना चाहिए, साथ चलकर छुरा नहीं भोंकना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जीवन में बहुत जीत-हार देखी है. दौसा के लिए मैं बहुत अच्छा करना चाहता था, लेकिन शायद लोगों को मंजूर नहीं था. हार पर बोलते हुए मीणा ने कहा कि अपने हो जाएं वेवफा तो फिर क्या कीजिएगा. उन्होंने कहा कि मेरे जैसे सीधे साधे व्यक्ति के लिए राजनीति नहीं है. यह राजनीति बहुत कुटिल हो गई है. उन्होंने मायूसी भरे शब्दों में कहा कि शायद 'मैं राजनीति के योग्य नहीं हूं, समाज सेवा करुंगा. अपनी गौशाला चलाता हूं उसको और आगे बढ़ाउंगा'.
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी डीसी बैरवा की तय जीत पर कांग्रेस खेमे में खुशी की लहर है. सुबह कांग्रेस प्रत्याशी डीसी बैरवा ने मीडिया के सामने एक बड़ा बयान देते हुए कहा था कि, "डीसी बैरवा ने उपचुनाव में बढ़त बनाकर भाजपा को करंट लगाया है." सुबह मतगणना स्थल पर एक दिलचस्प दृश्य भी सामने आया, जिसमें दोनों प्रत्याशी डीसी बैरवा और जगमोहन मीना, एक-दूसरे से हाथ मिलाकर गले लगते हुए नजर आए, जो चुनावी माहौल को थोड़ा हल्का करते हुए राजनीतिक सौहार्द का प्रतीक बना.