अलवर : रामगढ़ उपचुनाव की घड़ियां नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दलों में टिकट की दावेदारी को लेकर जंग शुरू हो गई है. कांग्रेस फिलहाल सहानुभूति की लहर पर सवार है तो वहीं, भाजपा में टिकट को लेकर दावेदारों के बीच फिर से खींचतान शुरू हो गई है. रामगढ़ उपचुनाव के लिए भाजपा में दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है. टिकट को लेकर मची खींचतान के चलते भाजपा नेता फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं. कारण है कि भाजपा को रामगढ़ विधानसभा सीट पर एक दशक से जीत का इंतजार है.
रामगढ़ से विधायक रहे जुबेर खान का पिछले दिनों लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. इस कारण रामगढ़ विधानसभा सीट पर अब उप चुनाव होना है. इसी के चलते कांग्रेस, भाजपा समेत अन्य दलों ने उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस ने रामगढ़ उपचुनाव के लिए कमेटी का गठन कर दिया है, वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और प्रदेश प्रभारी राधामोहन अग्रवाल रामगढ़ का दौरा कर कार्यकर्ताओं से चुनावी चर्चा कर चुके हैं. वहीं, रामगढ़ सीट से भाजपा टिकट पर दावेदारी जता रहे अनेक दावेदार प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी से मिलकर उन्हें बायोडाटा थमा चुके हैं.
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भाजपा के लिए अहम है रामगढ़ उपचुनाव : रामगढ़ उपचुनाव वैसे तो कांग्रेस-भाजपा समेत अन्य दलों के लिए खास है, लेकिन भाजपा के लिए यह उपचुनाव अधिक महत्वपूर्ण है. इसका कारण है कि रामगढ़ सीट पर भाजपा को पिछले दो विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है. इस कारण भाजपा यह उपचुनाव किसी भी सूरत में रामगढ़ उपचुनाव में जीत दर्ज कराना चाहती है. हालांकि रामगढ़ सीट पर पिछले दस सालों से कांग्रेस का कब्जा रहा है और इस बार उपचुनाव में भी वह इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने को उत्सुक है. वैसे भी रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए चुनाव में भाजपा केवल चार बार ही जीत दर्ज करा पाई है.
खींचतान से भाजपा नेता परेशान : रामगढ़ उपचुनाव को लेकर भाजपा में दावेदारों के बीच खींचतान तेज हो गई है और भाजपा नेताओं की यही बड़ी परेशानी है. रामगढ़ में पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा में टिकट को लेकर घमासान मचा था, नतीजतन भाजपा के बागी असपा से चुनाव लड़े और भाजपा को तीसरे नंबर पर खिसकना पड़ा. इस बार भी रामगढ़ उपचुनाव में भाजपा को पुरानी से याद सता रही है. इसी समस्या से उबरने के लिए भाजपा नेता सर्व मान्य प्रत्याशी के लिए सर्वे व कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कराने की तैयारी में है.
पार्टी नए चेहरे पर लगा सकती है दांव : रामगढ़ उपचुनाव को लेकर भाजपा में खींचतान व गुटबाजी की आशंका से निपटने के लिए इस बार पार्टी के रणनीतिकार किसी नए चेहरे या बाहरी बड़े नेता पर भी दांव लगा सकती है. हालांकि अभी रामगढ़ उपचुनाव की तिथि की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सभी दल इस चुनाव में अपनी संभावना तलाशने में जुट गए हैं.