जयपुर : राजस्थान के सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस पहले विधायक रहे नेताओं के परिजनों को टिकट देगी या फिर किसी दूसरे कार्यकर्ता को मौका मिलेगा. इसका खुलासा आने वाले समय में होगा, लेकिन टिकट को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है. नागौर जिले की राजनीति में दखल रखने वाले मिर्धा परिवार से ताल्लुक रखने वाले नागौर विधायक हरेंद्र मिर्धा ने कहा कि टिकट पर दावेदारी उनके परिवार का जन्मसिद्ध अधिकार है. उनसे खींवसर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए उनके बेटे रघुवेंद्र मिर्धा के टिकट की दावेदारी को लेकर सवाल किया गया था. उन्होंने जवाब दिया, टिकट पर दावेदारी तो जन्मसिद्ध अधिकार है. तीन पीढ़ी से यह रहा है तो अब भी रहेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि टिकट किसे देना है. यह पार्टी को तय करेगा. उन्होंने दावा किया कि खींवसर में आज पार्टी जीत की स्थिति में है.
खुद खींवसर से लड़े थे, अब नागौर से विधायक : हरेंद्र मिर्धा राजस्थान की जाट राजनीति में मजबूती से दखल रखने वाले रामनिवास मिर्धा के बेटे हैं. पहले वे भी खींवसर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें नागौर से मैदान में उतारा. जहां उन्होंने भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को हराकर चुनाव जीता. अब हरेंद्र मिर्धा के बेटे रघुवेंद्र मिर्धा उपचुनाव में खींवसर सीट से कांग्रेस के टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.
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परिवार के लिए टिकट की पैरवी नहीं करूंगा : हरेंद्र मिर्धा के बयान के इतर दौसा सांसद मुरारीलाल मीणा ने कहा कि दौसा सीट पर उपचुनाव में वे अपने परिवार से किसी को टिकट के लिए पैरवी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि दौसा सीट से उपचुनाव में उनके परिवार से कोई प्रत्याशी नहीं होगा. हालांकि, उनके सांसद बनने के बाद उनकी पत्नी या बेटी को टिकट का मजबूत दावेदार बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दौसा सीट के लिए सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की राय लेकर पार्टी को सुझाव देंगे. उन्होंने उपचुनाव में सभी सात सीटों पर कांग्रेस की जीत का दावा किया है.
टिकट जिसे भी मिले, मजबूती से लड़ेंगे चुनाव : सलुंबर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके रघुवीर सिंह मीणा ने कहा है कि सलूम्बर सीट पर पार्टी किसे टिकट देगी. इसका फैसला आलाकमान को करना है. पार्टी उन्हें या परिवार में किसी को टिकट देती है तो भी मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और किसी दूसरे को टिकट देती है तो भी मजबूती से साथ लगकर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने सलुम्बर सीट से कांग्रेस की जीत का भरोसा जताया.
इन सीटों पर होना है उपचुनाव : राजस्थान में आने वाले समय में सात सीटों पर उपचुनाव होना है. खींवसर (नागौर), झुंझुनूं, दौसा, चौरासी (डूंगरपुर) और देवली उनियारा सीट लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद खाली हुई हैं. हनुमान बेनीवाल, बृजेन्द्र ओला, मुरारीलाल मीना, राजकुमार रोत और हरिश्चन्द्र मीना के सांसद बनने से पांच विधानसभा सीट खाली हुई थी. इसके बाद सलुम्बर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीना और रामगढ़ से कांग्रेस विधायक जुबैर खान के निधन के बाद यह दोनों सीट भी खाली हुई हैं. जहां उपचुनाव होगा.