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स्टूडेंट्स ध्यान दें : अब पूरे राजस्थान में एक साथ, एक समय पर और एक कैलेंडर से होंगी परीक्षाएं

अब क्लास 9वीं से 12वीं तक के अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं एक ही कैलेंडर से कराई जाएंगी. इसके लिए शिक्षा विभाग ने सिलेबस जारी कर दिया है.

Rajasthan Education Department
राजस्थान शिक्षा विभाग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

सीकर : शिक्षा विभाग ने कक्षा 9वीं से 12वीं की इस साल अर्द्धवार्षिक परीक्षा एक ही कैलेंडर से कराने की तैयारी कर ली है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने सिलेबस जारी कर दिया है. पिछले कई महीनों से अर्द्धवार्षिक परीक्षा के एक ही कैलेंडर से कराने का मुद्दा अटका हुआ था. इस मामले में शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम विभाजन और पाठवार अंक विभाजन का ब्लू प्रिंट जारी कर दिया है.

दरअसल, शिक्षा विभाग ने सत्र की शुरुआत के साथ ही इस साल पूरे प्रदेश में एक ही कैलेंडर से अर्द्धवार्षिक परीक्षा कराने का ऐलान किया था. इससे पहले सभी जिलों में समान परीक्षा योजना के तहत परीक्षा होती थी. इधर, परीक्षा एक्सपर्ट शिक्षक अरविंद भामू का कहना है कि प्रदेश स्तरीय परीक्षा के नवाचार से बोर्ड कक्षाओं का ड्रॉप आउट कम होने की पूरी संभावना है. वहीं, शैक्षिक गुणवत्ता में इजाफा होने की भी उम्मीद है.

पढ़ें. Half Yearly Exams : एक समान टाइम टेबल और एक समान पेपर से फायदे या नुकसान?

एक परीक्षा की चुनौती :

सिलेबसः कई स्कूलों में 50% पाठ्यक्रम पूरा नहीं : प्रदेश के कई निजी स्कूलों में 60 से 70 फीसदी तक पाठ्यक्रम पूरा हो चुका है, जबकि कई निजी स्कूल ऐसे हैं जहां अभी तक पाठ्यक्रम 50 से 55 फीसदी तक ही पूरा हुआ है. ऐसे में विद्यार्थियों का कैसे बेहतर मूल्यांकन हो सकेगा.

प्रश्न पत्रों की सुरक्षा : प्रदेश में पेपर लीक बड़ा मुद्दा है. प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर समान परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हो चुके हैं. ऐसे में यदि पूरे राजस्थान के लिए एक ही प्रश्न पत्र स्कूली विद्यार्थियों के लिए तैयार होते हैं तो प्रश्न पत्रों की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती रहेगी. यदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर प्रश्न पत्रों को कोष कार्यालय में रखवाया जाता है परिवहन सहित अन्य खर्च बढ़ना तय है.

सीकर : शिक्षा विभाग ने कक्षा 9वीं से 12वीं की इस साल अर्द्धवार्षिक परीक्षा एक ही कैलेंडर से कराने की तैयारी कर ली है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने सिलेबस जारी कर दिया है. पिछले कई महीनों से अर्द्धवार्षिक परीक्षा के एक ही कैलेंडर से कराने का मुद्दा अटका हुआ था. इस मामले में शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम विभाजन और पाठवार अंक विभाजन का ब्लू प्रिंट जारी कर दिया है.

दरअसल, शिक्षा विभाग ने सत्र की शुरुआत के साथ ही इस साल पूरे प्रदेश में एक ही कैलेंडर से अर्द्धवार्षिक परीक्षा कराने का ऐलान किया था. इससे पहले सभी जिलों में समान परीक्षा योजना के तहत परीक्षा होती थी. इधर, परीक्षा एक्सपर्ट शिक्षक अरविंद भामू का कहना है कि प्रदेश स्तरीय परीक्षा के नवाचार से बोर्ड कक्षाओं का ड्रॉप आउट कम होने की पूरी संभावना है. वहीं, शैक्षिक गुणवत्ता में इजाफा होने की भी उम्मीद है.

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एक परीक्षा की चुनौती :

सिलेबसः कई स्कूलों में 50% पाठ्यक्रम पूरा नहीं : प्रदेश के कई निजी स्कूलों में 60 से 70 फीसदी तक पाठ्यक्रम पूरा हो चुका है, जबकि कई निजी स्कूल ऐसे हैं जहां अभी तक पाठ्यक्रम 50 से 55 फीसदी तक ही पूरा हुआ है. ऐसे में विद्यार्थियों का कैसे बेहतर मूल्यांकन हो सकेगा.

प्रश्न पत्रों की सुरक्षा : प्रदेश में पेपर लीक बड़ा मुद्दा है. प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर समान परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हो चुके हैं. ऐसे में यदि पूरे राजस्थान के लिए एक ही प्रश्न पत्र स्कूली विद्यार्थियों के लिए तैयार होते हैं तो प्रश्न पत्रों की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती रहेगी. यदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर प्रश्न पत्रों को कोष कार्यालय में रखवाया जाता है परिवहन सहित अन्य खर्च बढ़ना तय है.

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