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Rajasthan: उपभोक्ता आयोग के आदेश की पालना नहीं, ICICI बैंक की संपत्ति कुर्क करने के आदेश

Rajasthan Consumer Commission, उपभोक्ता आयोग के आदेश की पालना नहीं. ICICI बैंक की संपत्ति कुर्क करने के आदेश.

Jaipur District Court
उपभोक्ता आयोग (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 22, 2024, 8:36 PM IST

जयपुर: जिला उपभोक्ता आयोग, क्रम-4 ने आयोग के आदेश के बावजूद भी परिवादी को बीमा क्लेम के 9.50 लाख रुपए का ब्याज सहित भुगतान नहीं करने को गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही अदालत ने विपक्षी आईसीआईसीआई बैंक की अहिंसा सर्किल, सी-स्कीम स्थित चल और अचल संपत्ति को कुर्क करने के आदेश दिए हैं. आयोग अध्यक्ष विनोद कुमार सैनी और सदस्य अशोक शर्मा ने जिला कलेक्टर को वसूली के लिए पत्रावली भेजने को कहा है.

आयोग ने यह आदेश वंदना बोहरा के अवमानना प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसने आईसीआईसीआई बैंक से मेडिकल बीमा लिया था. उसके हृदय रोग होने के चलते इलाज पर लाखों रुपए खर्च हुए. जब बैंक ने बीमा राशि देने से इनकार किया तो परिवादी ने वर्ष 2012 में आयोग के समक्ष परिवाद पेश किया. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने 1 फरवरी, 2012 को बैंक को आदेश देते हुए परिवादी को 9.50 लाख रुपए नौ फीसदी ब्याज सहित अदा करने को कहा.

पढ़ें : मेंबरशिप फीस लेकर भी दुबई ट्रिप बुक नहीं की, अब ट्रैवल कंपनी को देना होगा 2.21 लाख रुपए हर्जाना - Consumer Court Jaipur

इसके साथ ही आयोग ने बैंक पर 10 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया. इस आदेश के खिलाफ बैंक ने राज्य आयोग में अपील की, जिसे आयोग ने 17 अप्रैल, 2015 को खारिज कर दिया. वहीं, बाद में राष्ट्रीय आयोग ने भी मई, 2018 में बैंक की अपील को निरस्त कर दिया. इसके बावजूद भी अब तक आदेश की पालना नहीं हुई. प्रार्थना पत्र में गुहार की गई कि बैंक की संपत्ति को नीलाम कर परिवादी को भुगतान दिलाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बैंक की संपत्ति को कुर्क करने के आदेश दिए हैं.

जयपुर: जिला उपभोक्ता आयोग, क्रम-4 ने आयोग के आदेश के बावजूद भी परिवादी को बीमा क्लेम के 9.50 लाख रुपए का ब्याज सहित भुगतान नहीं करने को गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही अदालत ने विपक्षी आईसीआईसीआई बैंक की अहिंसा सर्किल, सी-स्कीम स्थित चल और अचल संपत्ति को कुर्क करने के आदेश दिए हैं. आयोग अध्यक्ष विनोद कुमार सैनी और सदस्य अशोक शर्मा ने जिला कलेक्टर को वसूली के लिए पत्रावली भेजने को कहा है.

आयोग ने यह आदेश वंदना बोहरा के अवमानना प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसने आईसीआईसीआई बैंक से मेडिकल बीमा लिया था. उसके हृदय रोग होने के चलते इलाज पर लाखों रुपए खर्च हुए. जब बैंक ने बीमा राशि देने से इनकार किया तो परिवादी ने वर्ष 2012 में आयोग के समक्ष परिवाद पेश किया. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने 1 फरवरी, 2012 को बैंक को आदेश देते हुए परिवादी को 9.50 लाख रुपए नौ फीसदी ब्याज सहित अदा करने को कहा.

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इसके साथ ही आयोग ने बैंक पर 10 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया. इस आदेश के खिलाफ बैंक ने राज्य आयोग में अपील की, जिसे आयोग ने 17 अप्रैल, 2015 को खारिज कर दिया. वहीं, बाद में राष्ट्रीय आयोग ने भी मई, 2018 में बैंक की अपील को निरस्त कर दिया. इसके बावजूद भी अब तक आदेश की पालना नहीं हुई. प्रार्थना पत्र में गुहार की गई कि बैंक की संपत्ति को नीलाम कर परिवादी को भुगतान दिलाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बैंक की संपत्ति को कुर्क करने के आदेश दिए हैं.

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