जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने संभागीय आयुक्त की मंजूरी लिए बिना ही दो साल की अवधि में महिला पटवारी के तबादले को गलत माना है. इसके साथ ही अधिकरण ने गत 22 फरवरी के तबादला आदेश की क्रियांविति पर रोक लगाते हुए राजस्व सचिव, राजस्व मंडल और झुंझुनू कलेक्टर से जवाब तलब किया है. अधिकरण ने यह आदेश माया देवी की अपील पर दिए.
अपील में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अधिकरण को बताया कि अपीलार्थी ने 8 अगस्त 2022 को झुंझुनू तहसील में पटवारी का कार्य ग्रहण किया था. वहीं, अब उसका तबादला दूसरी तहसील में कर दिया गया है. राजस्व मंडल ने 30 अक्टूबर 1993 को आदेश जारी कर प्रावधान किया था कि भू अभिलेख निरीक्षक एवं पटवारियों को एक तहसील से दूसरे तहसील अथवा एक हल्के से दूसरे हल्के में दो वर्ष से पूर्व तबादला नहीं किया जाएगा.
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वहीं, यदि तबादला किया भी जाता है तो संबंधित संभागीय आयुक्त की अनुमति लेनी पडे़गी. अपील में कहा गया कि उसका तबादला दो साल से कम अवधि में किया गया है, इसलिए बिना संभागीय आयुक्त की मंजूरी लिए किया गया तबादला विधि विरुद्ध है. अपील में आरोप लगाया गया कि उसका तबादला राजनीतिक द्वेषता के चलते किया गया है, इसलिए तबादला आदेश को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने तबादला आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.