जयपुर. लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का अंतिम बजट पेश होने जा रहा है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी. इस बजट से हर सेक्टर को राहत की उम्मीद है. खास तौर पर उद्योग से जुड़े लोगों ने आयकर में छूट की सीमा 10 लाख करने, प्रदेश में गारमेंटिंग के लिए टेक्सटाइल से अलग पॉलिसी, प्रदेश में जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना, लेबर वेलफेयर सेस में एमनेस्टी स्कीम लागू करने के साथ ही मनरेगा योजना को एमएसएमई से जोड़े जाने जैसी मांग रखी हैं.
ये रखी मांगें : फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड यूनियन के प्रेसिडेंट सुरेश अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था में शामिल हो. इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम एक्सपोर्ट बढ़ाएं. एक्सपोर्ट में अफ्रीका एक बड़ा मार्केट है, जहां व्यापार का दायरा बड़ा है. ऐसे में हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार जो बजट आ रहा है, उसमें एक्सपोर्ट पर फोकस किया जाना चाहिए था, ताकि एक्सपोर्ट बढ़ सके. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि अलग-अलग तरह की स्कीम के जरिए व्यापारियों को राहत दी जाए.
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इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर विशेष फोकस की जरूरत : फोर्टी की वॉइस प्रेसीडेंट नीलम मित्तल ने कहा कि पिछले कुछ सालों से इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी बूम आया है. केंद्र सरकार ने भी इसको लेकर समय-समय पर कई योजनाएं लागू की हैं. इस बार भी उम्मीद है कि इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया जाएगा. पिछले बजटों में इंफो पर फोकस किया गया था. ऐसे में इस बार भी इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए. मित्तल ने कहा कि अब तक आउटसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया गया है, लेकिन इनसाइड सिटी पर थोड़ा सा ध्यान देने की जरूरत है.
इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की मांग : ज्वैलरी बिजनेस से जुड़ी रीना अग्रवाल ने कहा कि एक ज्वेलर होने के नाते इस बाजार से उम्मीद है कि जो पिछले बजट में इम्पोर्ट ड्यूटी इंक्रीज किया गया था, उसे कम किया जाए. पिछली बार इम्पोर्ट ड्यूटी को 12 से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया था. रीना ने कहा कि ज्वेलरी मैन्युफैक्चरिंग पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने से एक्सपोर्ट कम हो गया है, जिससे रेवेन्यू अर्जन प्रभावित हुआ है. अब इस बजट से उम्मीद है कि सरकार इंपोर्ट ड्यूटी कम करेगी.
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एक्सपोर्टर्स को दी जाए राहत : फोर्टी के ज्वॉइन सेक्रेटरी प्रशांत शर्मा ने कहा कि वर्तमान में जो इनकम टैक्स का स्लैब है, उसको बढ़कर 10 लाख कर देना चाहिए. साथ ही एक्सपोर्टर्स को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक राहत संबंधित घोषणाएं होनी चाहिए. ऐसा होने से एक्सपोर्ट बढ़ेगा. साथ ही मैन्युफैक्चरिंग भी बढ़ेगी. फोर्टी यूथ विंग के सेक्रेटरी सुनील अग्रवाल ने कहा कि मेडिकल के लिहाज से देखे तो जो बजट आ रहा है, वो 2 महीने के लिए है. इसे चुनावी बजट भी कह सकते हैं. वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा राहत देने का काम करते रहे हैं. राजस्थान के लिहाज से देखे तो 3 साल पहले जो घोषणा हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की हुई थी, उस पर तेजी से काम हो रहा है. साथ ही राजस्थान के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खुल गए हैं, लेकिन हमारा सुझाव है कि मेडिकल इक्विपमेंट पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं होनी चाहिए.
बजट के लिए राजस्थान का सुझाव
- आयकर में छूट की सीमा 10 लाख की जाए.
- आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत कटौती की सीमा ढाई लाख, धारा 24 बी में साढ़े तीन लाख, 80 जीजी में कटौती की सीमा 20 हजार रुपए की जाए.
- नाबालिग बच्चों को आयकर छूट की सीमा 10 हजार रुपए की जानी चाहिए.
- सीमा शुल्क में लंबित मामलों के लिए एमनेस्टी स्कीम लागू की जाए.
- एमएसएमई सेक्टर के लिए ऋण की उपलब्धता को सरल करने की आवश्यकता है.
- सरकारी उपक्रमों में प्रदेश के एमएसएमई में निर्मित उत्पादों की 50 प्रतिशत खरीद सुनिश्चित हो.
- एमएसएमई को 15 दिन के अंदर भुगतान सुनिश्चित होना चाहिए.
- मनरेगा योजना को एमएसएमई से जोड़ा जाए.
- लेबर वेलफेयर सेस में एमनेस्टी स्कीम लागू की जाए.
- आरवीएसएफ को रिप्स योजना में शामिल किया जाए.
- प्रदेश में जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना की जाए.
गारमेंट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान का सुझाव
- प्रदेश में गारमेंटिंग के लिए टेक्सटाइल से अलग पॉलिसी बनाई जाए.
- जयपुर के आसपास अलग से रिहायशी सुविधाओं के साथ मॉडर्न गारमेंट जोन बनाया जाए, जिससे कारीगर गारमेंट इकाइयों के पास ही रह सकें. इससे कारीगरों की आय में बचत हो सकेगी और उद्योगों की लागत कम होगी.
- इंटरनेशनल ट्रेड शो में भाग लेने के लिए प्रत्येक एक्सपोर्टर को कम से कम ढाई लाख रुपए की सब्सिडी मिलनी चाहिए.
- फैक्ट्रियों पर रूफ टॉप सोलर के लिए सब्सिडी और ब्याज मुक्त लोन मिलना चाहिए.