जोधपुर. उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने उर्जा के क्षेत्र को लेकर विभिन्न सुधरात्मक घोषणाओं के साथ नई परियोजनाओं को शुरू करने की बात कही है. वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 10 साल में 6 प्रतिशत बिजली की खपत बढ़ जाएगी. ऐसे में अक्षय उर्जा सहित अन्य उर्जा उत्पादन विकल्प पर सरकार का फोकस रहेगा. साथ ही सरकार बिजली की छीजत रोकने के लिए प्रत्येक उपभोक्ता के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी में है. सरकार 2030 तक की बिजली आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए 2 लाख 25 हजार करोड़ की लागत से तंत्र को मजबूत करने जा रही है.
लेटर ऑफ इंटेंट जारी : वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के हर घर और हर खेत को बिजली देने के उद्देश्य से हम काम कर रहे हैं. सरकार इस दिशा में कदम बढ़ा चुकी है. मार्च में लिग्नाइट और कोयला आधारित इकाइयां लगाने के लिए एमओयू हो चुका है. कुसुम योजना के तहत 3500 मेगावट की बिजली उत्पादन के लिए लेटर ऑफ इंटेंट जारी हो गए हैं. अक्षय उर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिए लैंड पॉलिसी लागू की गई है.
- वित्त मंत्री ने कहा कि बिजली की छीजत रोकने के लिए एनर्जी लिकेज रिफॉर्म के चरणबद्ध रूप से प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. दो साल में 25 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
- प्रदेश में बिजली से वंचित 2 लाख 8 हजार घरों को दो साल में बिजली दी जाएगी. इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में नए छोटे व बड़े बिजली घर बनेंगे.
- रिन्यूएबल एनर्जी के तहत 50 हजार मेगावाट की क्षमता के निजी क्षेत्र में प्रोजेक्ट लगाने के लिए पूगल, छतरगढ़ और बुढ़ाना जैसलमेर में सोलर पार्क विकसित होंगे.
- राज्य में उर्जा भंडारण क्षमता विकसित करने के लिए नीति बनेगी. इसमें पंप स्टोरेज का सामवेश होगा. इसमें बारां, भरतपुर व अन्य जिलों में पंप स्टोरेज के माध्यम से उर्जा उत्पादन पर जोर होगा.
- पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत हर जिले में एक आदर्श सौर ग्राम बनेगा, जिसमें दो मेगावाट सौर प्लांट लगेगा. इसमें 40 फीसदी अनुदान होगा.
- प्रदेश कें 765 केवी के 6, 400 केवी के 7, 220 केवी के 15 और 132 केवी के 40 बिजली घरों से संबंधित लाइनों के विस्तार व निर्माण कार्य होगा.