जयपुर. 16वीं विधानसभा सत्र के बीच सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान बिजली पर चर्चा को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. घरेलू और कृषि कनेक्शन को लेकर लगे सवाल के जवाब पर विपक्ष ने नाखुश जाहिर की. साथ ही विपक्ष की ओर से सदन में उक्त विषय पर विस्तृत चर्चा की मांग की गई. करीब 10 मिनट तक विपक्ष के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी किए और सरकार को घेरा. विपक्ष की मांग पर सत्ता पक्ष ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर चर्चा होगी तो आगे हालात और भी खराब होगी. इसके बाद सदन में शोरगुल के बीच अन्य विधायकों के सवाल जवाब हुए.
सदन में बरपा हंगामा : परबतसर से कांग्रेस विधायक रामनिवास गावड़िया ने प्रश्नकल के दौरान पूर्व प्रश्न में जब बिजली आपूर्ति को लेकर सवाल किया तो मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि प्रदेश में कृषि में 6 घंटे बिजली सप्लाई हो रही है, जबकि आम उपभोक्ता को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर प्रतिपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष के हंगामे के बीच मंत्री नागर ने कहा कि पिछले 5 सालों में जिस तरह से बिजली तंत्र में डेवलपमेंट होना चाहिए था, वो नहीं हुआ. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने बिजली तंत्र को पूरी तरह से ठप करने का काम किया, जिसके कारण मौजूदा समय में कई तरह की दिक्कतें पेश आ रही हैं. उनकी टिप्पणी पर विपक्ष एकदम से उखड़ गया और सदन में हंगामा शुरू हो गया.
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विपक्ष ने की चर्चा की मांग : हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली खड़े हुए और उन्होंने मंत्री के जवाब पर नाखुशी जताई. साथ ही कहा कि अगर पूर्ववर्ती सरकार ने 5 साल तक बिजली व्यवस्था नहीं की तो फिर बिजली कैसे आ रही थी. वहीं, सदन में शोर शराबे के बीच मंत्री जवाब देने से बचते नजर आए. इधर, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ता पक्ष केवल पिछली सरकार को कोसने में व्यस्त है. अगर पिछले 5 साल में कोई बिजली तंत्र पर काम ही नहीं हुआ तो हम बहस को तैयार हैं. सदन में बिजली पर चर्चा होनी चाहिए. इसके बाद सदन में हंगामा तेज हो गया. इस पर जूली ने कहा कि मंत्री से जवाब दिलाया जाए. हम मंत्री के जवाब से नाखुश है.
चर्चा हुई तो हालात होगी खराब : सदन में बिजली पर चर्चा की उठ रही मांग को लेकर सत्ता पक्ष ने सहमति जताई. संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि बिजली सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और यह आम जनता से जुड़ा हुआ है. प्रतिपक्ष के सभी सदस्य भी चाहते हैं तो सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार के सभी आंकड़े सामने आ जाएंगे. पटेल ने कहा कि पिछली सरकार की बिजली को लेकर कोई कार्य योजना नहीं थी. ऐसे में अगर सदन में इस विषय चर्चा हुई तो फिर प्रतिपक्ष की हालत खराब हो जाएगी.