गोरखपुर: लोकसभा सामान्य निर्वाचन के नामांकन के अंतिम दिन 14 मई मंगलवार को गोरखपुर लोकसभा सीट से बड़ी संख्या में प्रत्याशियों ने अपने भाग्य को आजमाने के लिए, नामांकन कक्ष पहुंचकर नामांकन पत्र दाखिल किया. इन्हीं प्रत्याशियों में एक ऐसा भी प्रत्याशी था जो, अर्थी पर सवार होकर नामांकन करने पहुंचा. राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा नाम का यह प्रत्याशी इसके पहले भी शमशान घाट पर लोक सभा कार्यालय खोलकर चर्चा में आ चुका है. आज नामांकन के दौरान यह कौतूहल का विषय बन गया है. अपने समर्थको और प्रशंसकों के साथ चार लोगों के कंधे पर अर्थी पर सवार होकर वह नामांकन कक्ष पहुंचा है. राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा ने कहा, कि लोकतंत्र की अर्थी तो पहले ही नेताओं ने निकाल दी है. इसलिए, लोकतंत्र को बचाने के लिए उन्होंने अर्थी का शरण लिया है.
एमबीए की पढ़ाई कर चुके राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा वर्ष 2007 से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं. चाहे वह लोकसभा का हो या विधानसभा का हो. एमएलसी का हो या फिर क्षेत्र पंचायत का. उन्होंने सभी चुनाव में अपनी किस्मत को आजमाया है. लेकिन, सफलता अभी भी उनसे काफी दूर है. इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में भी राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र से निर्धारित प्रत्याशी के रूप में अपनी ताल ठोक रहे हैं. उनका कहना है, कि यह अर्थी नहीं है यह भ्रष्ट व्यवस्था की अर्थी है. भ्रष्ट व्यवस्था का जनाजा है. जब भ्रष्ट नेता सदन में जाते हैं, तो सदन भी मर जाता है. मरे हुए स्थान को शमशान के रूप में जाना जाता है.
सदन को इन भ्रष्ट नेताओं ने श्मशान बना दिया है. क्योंकि, आम जनता गरीब लोगों के पक्ष में कोई भी मुद्दा नहीं उठाता है. यह भ्रष्ट सांसदों का जनाजा है. मैं जनाजा लेकर कलेक्ट्रेट में आया हूं अपना नामांकन करने. मैं इस भ्रष्ट व्यवस्था को दोषी मानता हूं. जो भी सत्ता में जा रहा है, वह पैसा कमाने के लिए जा रहा है. आम जनता का मुद्दा कोई भी नहीं उठा रहा है. बेरोजगारी चरम पर है. शिक्षा में बिना पैसा दिए किसी का भी बच्चा नहीं पढ़ सकता. वही, यही हाल स्वास्थ्य व्यवस्था का भी है. बिना पैसे के इलाज संभव नहीं है. देश में त्राहिमाम मचा हुआ है. अर्थी बाबा ने कहा कि बड़े-बड़े विपक्ष के नेता जो मोदी को हराने आए हैं, वह खुद हार जाएंगे. क्योंकि इन्होंने अभी तक बुद्ध को ज्वाइन नहीं किया है. बिना बुद्ध को जाने और समझे मोदी को हरापाना बहुत मुश्किल है. यदि यह लोग बुद्ध की शिक्षा का प्रचार प्रसार करेंगे, तभी चुनाव जीत सकेंगे.
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