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तपती गर्मी में गहराया जल संकट, प्यास बुझाने के लिए भटक रहे जंगली जानवर, राजाजी प्रशासन ने भरे वाटरहोल्स - Rajaji Tiger Reserve - RAJAJI TIGER RESERVE

Rajaji Tiger Reserve रामनगर में भीषण गर्मी से इंसानों के साथ-साथ वन्य जीव भी हलकान नजर आ रहे हैं. ऐसे में राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर और कांसरो रेंज में पांच बड़े जलाशयों को निर्मित किया गया है. ये विशाल जलाशय प्राकृतिक जल स्रोतों से भरे जा रहे हैं. साथ ही इन दोनों रेंजों के अन्य क्षेत्रों में 47 छोटे और मध्यम वाटरहोल्स का सुधारीकरण किया गया है.

Rajaji Tiger Reserve
राजाजी प्रशासन ने भरे वाटरहोल्स (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 29, 2024, 3:58 PM IST

राजाजी प्रशासन ने भरे वाटरहोल्स (video- ETV Bharat)

रामनगर: तापमान बढ़ने के साथ ही वन क्षेत्रों में रहने वाले जंगली जानवरों और पशु पक्षियों का गर्मी से बुरा हाल है. जंगलों में बने तालाब सूखने की कगार पर हैं, जिससे पानी की तलाश में जंगली जानवर आबादी का रुख कर रहे हैं. ऐसे में जंगली जानवरों की प्यास बुझाने के लिए राजाजी टाइगर प्रशासन ने मोतीचूर और कांसरो रेंज में करीब 47 वाटर होल्स में पानी भरने का काम शुरू कर दिया है. साथ ही पांच बड़े तालाबों में भी टैंक के माध्यम से पानी भरा जा रहा है. इन तालाबों में हाथी जैसे बड़े जानवर अपनी प्यास बुझा रहे हैं.

रेंज अधिकारी महेश सेमवाल ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ-साथ जंगलों में तालाब सूखने लगे हैं. ऐसे में सूखे हुए तालाबों को भरने का काम शुरू कर दिया गया है, जिससे हाथी, गुलदार और बाघ जैसे जानवर आबादी का रुख नहीं कर रहे हैं. इस पहल से मानव वन्यजीव संघर्ष पर भी रोक लगी है. उन्होंने कहा कि पार्क प्रशासन द्वारा पार्क के सभी 10 रेंजों में कई छोटे-बड़े वाटरहोल्स को रिचार्ज किया गया है. साथ ही वनकर्मियों की टीम लगातार इन क्षेत्रों की मॉनिटरिंग कर पानी उपलब्ध करा रही है.

महेश सेमवाल ने बताया कि गर्मी को देखते हुए इस बार पहले से ही सभी वाटरहोल्स को दुरुस्त कर दिया गया था. साथ ही पांच बड़े वाटरहोल्स का निर्माण भी कराया गया है. उन्होंने कहा कि इन वाटरहोल्स के बन जाने के बाद अब वन्यजीवों को भरपूर मात्रा में पानी मिल रहा है. साथ ही आबादी क्षेत्रों के निकट बने वाटरहोल्स में लगातार टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है. वन्यजीवों के संरक्षण व संवर्धन को लेकर सभी टीमें लगातार मॉनिटरिंग कर जलाशयों की निगरानी कर रही हैं.

मोतीचूर रेंज के रेंज अधिकारी महेश सेमवाल ने बताया कि गर्मी को देखते हुए इस बार पहले से ही सभी वाटरहोल्स को दुरुस्त कर दिया गया था. साथ ही पांच बड़े वाटरहोल्स का निर्माण भी कराया गया है. उन्होंने कहा कि इन वाटरहोल्स के बन जाने के बाद अब वन्यजीवों को भरपूर मात्रा में पानी मिल रहा है. आबादी क्षेत्रों के निकट बने वाटरहोल्स में लगातार टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है. वन्यजीवों के संरक्षण व संवर्धन को लेकर सभी टीमें लगातार मॉनिटरिंग कर जलाशयों की निगरानी कर रही हैं.

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राजाजी प्रशासन ने भरे वाटरहोल्स (video- ETV Bharat)

रामनगर: तापमान बढ़ने के साथ ही वन क्षेत्रों में रहने वाले जंगली जानवरों और पशु पक्षियों का गर्मी से बुरा हाल है. जंगलों में बने तालाब सूखने की कगार पर हैं, जिससे पानी की तलाश में जंगली जानवर आबादी का रुख कर रहे हैं. ऐसे में जंगली जानवरों की प्यास बुझाने के लिए राजाजी टाइगर प्रशासन ने मोतीचूर और कांसरो रेंज में करीब 47 वाटर होल्स में पानी भरने का काम शुरू कर दिया है. साथ ही पांच बड़े तालाबों में भी टैंक के माध्यम से पानी भरा जा रहा है. इन तालाबों में हाथी जैसे बड़े जानवर अपनी प्यास बुझा रहे हैं.

रेंज अधिकारी महेश सेमवाल ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ-साथ जंगलों में तालाब सूखने लगे हैं. ऐसे में सूखे हुए तालाबों को भरने का काम शुरू कर दिया गया है, जिससे हाथी, गुलदार और बाघ जैसे जानवर आबादी का रुख नहीं कर रहे हैं. इस पहल से मानव वन्यजीव संघर्ष पर भी रोक लगी है. उन्होंने कहा कि पार्क प्रशासन द्वारा पार्क के सभी 10 रेंजों में कई छोटे-बड़े वाटरहोल्स को रिचार्ज किया गया है. साथ ही वनकर्मियों की टीम लगातार इन क्षेत्रों की मॉनिटरिंग कर पानी उपलब्ध करा रही है.

महेश सेमवाल ने बताया कि गर्मी को देखते हुए इस बार पहले से ही सभी वाटरहोल्स को दुरुस्त कर दिया गया था. साथ ही पांच बड़े वाटरहोल्स का निर्माण भी कराया गया है. उन्होंने कहा कि इन वाटरहोल्स के बन जाने के बाद अब वन्यजीवों को भरपूर मात्रा में पानी मिल रहा है. साथ ही आबादी क्षेत्रों के निकट बने वाटरहोल्स में लगातार टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है. वन्यजीवों के संरक्षण व संवर्धन को लेकर सभी टीमें लगातार मॉनिटरिंग कर जलाशयों की निगरानी कर रही हैं.

मोतीचूर रेंज के रेंज अधिकारी महेश सेमवाल ने बताया कि गर्मी को देखते हुए इस बार पहले से ही सभी वाटरहोल्स को दुरुस्त कर दिया गया था. साथ ही पांच बड़े वाटरहोल्स का निर्माण भी कराया गया है. उन्होंने कहा कि इन वाटरहोल्स के बन जाने के बाद अब वन्यजीवों को भरपूर मात्रा में पानी मिल रहा है. आबादी क्षेत्रों के निकट बने वाटरहोल्स में लगातार टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है. वन्यजीवों के संरक्षण व संवर्धन को लेकर सभी टीमें लगातार मॉनिटरिंग कर जलाशयों की निगरानी कर रही हैं.

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