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रायसेन में दहशत फैला रहा बाघ काबू में, जानिए- रॉयल टाइगर को पकड़ने की पूरी कहानी, DFO की जुबानी - Raisen Tiger finally caught

रायसेन के जंगलों के साथ ही रहवासी इलाकों में आतंक का पर्याय बना रॉयल टाइगर को आखिरकार एक माह की कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने दबोच लिया. इस बाघ को पकड़ने के लिए कान्हा और पन्ना टाइगर रिजर्व से 5 हाथियों के समूह को बुलाया गया था.

Raisen Tiger finally caught
रायसेन जिले में दहशत फैला रहा बाघ काबू में (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 7:57 PM IST

रायसेन। एक माह पहले तेंदूपत्ता तोड़ने गए मनीराम जाटव का शिकार करने वाले रॉयल टाइगर को आखिरकार वन विभाग की टीम ने काबू में कर ही लिया. रॉयल टाइगर को पकड़ने के लिए कान्हा और पन्ना टाइगर रिजर्व से हाथी के समूह बुलाए गए थे. हाथियों के साथ 140 लोगों की टीम भी बाघ की तलाश जुटी थीं. बाघ को पकड़ने में वन विभाग ने लगभग 25 लाख रुपए खर्च कर दिए. इसके बाद भी टाइगर वन विभाग की टीम को चकमा देकर भाग जाता था.

रॉयल टाइगर को पकड़ने की पूरी कहानी डीएफओ की जुबानी (ETV BHARAT)

एक व्यक्ति को मार चुका है ये बाघ

वन विभाग की टीम को गुरुवार को बाघ को पकड़ने मे बड़ी सफलता हासिल की. वन विभाग के वन मंडल अधिकारी विजय कुमार ने अपनी टीम को इसका श्रेय देते हुए बाघ को कैसे पकड़ा गया, इसकी पूरी जानकारी साझा की. डीएफओ विजय कुमार ने बताया "वन्य प्राणी इंसानों से डरते हैं. विगत दिनों जो घटना घटित हुई थी, उसमें मनीराम जाटव को बाघ ने मार डाला था. यह घटना बड़ी ही दुखद थी. अक्सर बाघ इंसानों पर हमला नहीं करते. लेकिन कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा इस बाघ को आदमखोर की संज्ञा दी गई. यह बाघ आदमखोर नहीं था."

Raisen Tiger finally caught
बाघ को पकड़ने में तकनीक की मदद खुश हुई टीम (ETV BHARAT)

आदमखोर बाघ किसे कहते हैं

डीएफओ ने बताया "आदमखोर बाघ उस श्रेणी में आता है जो लोगों पर घात लगाकर पीछा करके हमला करता है. हमारी 140 सदस्य टीम ने पिछले 30 दिनों से इस बात की खोजबीन में लगी हुई थी, जिसे पकड़ने के लिए कान्हा और पन्ना टाइगर रिजर्व से हाथी भी बुलाए गए. 5 हाथियों के इस 140 लोगों का दल लगातार तलाशी कर रहा था. खास बात यह है कि इस बात को ट्रैक करने के लिए हमने टेक्नोलॉजी का भी सहारा लिया. हमने फोन कैमरे, थर्मल कैमरे और लाइव सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल किया."

Raisen Tiger finally caught
बाघ को ऐसे किया काबू में (ETV BHARAT)

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रायसेन जिले में आदमखोर बाघ को काबू में करने के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व से बुलाए हाथी

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बाघ को पकड़ने में तकनीक की मदद

डीएफओ ने बताया "नई तकनीक से हम बाघ को ट्रैक करने में काफी मदद वन विभाग को मिली. टीम के साथ विशेषज्ञ डॉक्टर का एक दल भी थी. गुरुवार को बाघ को को ट्रेस कर लिया था, जिसके बाद सुबह सुबह करीब 8 बाघ को इंजेक्शन लगाया गया. डेढ़ घंटे बाद दूसरा इंजेक्शन लगाया गया, जिसके बाद बाघ बेहोश हो गया और वन विभाग द्वारा इसे ट्रैप कर लिया गया है. अब इस बाघ को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजा जाएगा, जहां 5 दिन तक इसकी मॉनीटरिंग की जाएगी. फिर इसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा."

रायसेन। एक माह पहले तेंदूपत्ता तोड़ने गए मनीराम जाटव का शिकार करने वाले रॉयल टाइगर को आखिरकार वन विभाग की टीम ने काबू में कर ही लिया. रॉयल टाइगर को पकड़ने के लिए कान्हा और पन्ना टाइगर रिजर्व से हाथी के समूह बुलाए गए थे. हाथियों के साथ 140 लोगों की टीम भी बाघ की तलाश जुटी थीं. बाघ को पकड़ने में वन विभाग ने लगभग 25 लाख रुपए खर्च कर दिए. इसके बाद भी टाइगर वन विभाग की टीम को चकमा देकर भाग जाता था.

रॉयल टाइगर को पकड़ने की पूरी कहानी डीएफओ की जुबानी (ETV BHARAT)

एक व्यक्ति को मार चुका है ये बाघ

वन विभाग की टीम को गुरुवार को बाघ को पकड़ने मे बड़ी सफलता हासिल की. वन विभाग के वन मंडल अधिकारी विजय कुमार ने अपनी टीम को इसका श्रेय देते हुए बाघ को कैसे पकड़ा गया, इसकी पूरी जानकारी साझा की. डीएफओ विजय कुमार ने बताया "वन्य प्राणी इंसानों से डरते हैं. विगत दिनों जो घटना घटित हुई थी, उसमें मनीराम जाटव को बाघ ने मार डाला था. यह घटना बड़ी ही दुखद थी. अक्सर बाघ इंसानों पर हमला नहीं करते. लेकिन कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा इस बाघ को आदमखोर की संज्ञा दी गई. यह बाघ आदमखोर नहीं था."

Raisen Tiger finally caught
बाघ को पकड़ने में तकनीक की मदद खुश हुई टीम (ETV BHARAT)

आदमखोर बाघ किसे कहते हैं

डीएफओ ने बताया "आदमखोर बाघ उस श्रेणी में आता है जो लोगों पर घात लगाकर पीछा करके हमला करता है. हमारी 140 सदस्य टीम ने पिछले 30 दिनों से इस बात की खोजबीन में लगी हुई थी, जिसे पकड़ने के लिए कान्हा और पन्ना टाइगर रिजर्व से हाथी भी बुलाए गए. 5 हाथियों के इस 140 लोगों का दल लगातार तलाशी कर रहा था. खास बात यह है कि इस बात को ट्रैक करने के लिए हमने टेक्नोलॉजी का भी सहारा लिया. हमने फोन कैमरे, थर्मल कैमरे और लाइव सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल किया."

Raisen Tiger finally caught
बाघ को ऐसे किया काबू में (ETV BHARAT)

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बाघ को पकड़ने में तकनीक की मदद

डीएफओ ने बताया "नई तकनीक से हम बाघ को ट्रैक करने में काफी मदद वन विभाग को मिली. टीम के साथ विशेषज्ञ डॉक्टर का एक दल भी थी. गुरुवार को बाघ को को ट्रेस कर लिया था, जिसके बाद सुबह सुबह करीब 8 बाघ को इंजेक्शन लगाया गया. डेढ़ घंटे बाद दूसरा इंजेक्शन लगाया गया, जिसके बाद बाघ बेहोश हो गया और वन विभाग द्वारा इसे ट्रैप कर लिया गया है. अब इस बाघ को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजा जाएगा, जहां 5 दिन तक इसकी मॉनीटरिंग की जाएगी. फिर इसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा."

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