रायसेन। मध्य प्रदेश की शराब बनाने वाली एक नामी फैक्ट्री पर आबकारी विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. रायसेन में स्थित इस फैक्ट्री में 15 जून को बाल श्रमिकों से काम कराने के मामले में भोपाल आबकारी कमिश्नर अभिजीत अग्रवाल के आदेश पर फैक्ट्री को 20 दिन के लिए सील कर दिया गया है. डॉ मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में यह बड़ी कार्रवाई की गई है. फैक्ट्री में 59 नाबालिग बच्चे शराब बनाते मिले थे. सीएम की नाराजगी के बाद जिला आबकारी अधिकारी, तीन आबकारी SI और एक श्रम निरीक्षक पहले ही निलंबित हो चुके हैं.
फैक्ट्री में मिले थे 59 बच्चे
15 जून को रायसेन जिले के सेहतगंज में स्थित एक नामी शराब फैक्ट्री में 59 बच्चे काम करते मिले थे. गैर सरकारी संस्था ‘बचपन बचाओ’ की शिकायत पर बाल संरक्षण आयोग की टीम ने बच्चों का रेस्क्यू किया था. बताया गया था कि बाल मजूदरों को स्कूल बस के माध्यम से फैक्ट्री में लाया जाता था और कम पैसे देकर 15-15 घंटे तक काम कराया जाता था. इन बाल मजदूरों के हाथ केमिकल से गलने लगे थे. इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
शराब फैक्ट्री को 20 दिन के लिए किया गया सील
सीएम के एक्शन मोड में आते ही प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी कन्हैया लाल अतुलकर सेहतगंज को निलंबित किया गया था. साथ ही जिले के तीन आबकारी उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उईके, शैफाली वर्मा और मुकेश कुमार को सस्पेंड किया गया था. मध्य प्रदेश में अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक है. फिलहाल इस फैक्ट्री का लाइसेंस 20 दिन के निलंबित किया गया है. रायसेन ADO सुदीप तोमर ने बताया कि ''आबकारी आयुक्त महोदय ने 20 दिवस के लिए फैक्ट्री का लाइसेंस निलंबित कर दिया है. इसके बाद फैक्ट्री को सील करने की कार्रवाई की जा रही है. इस दौरान इस फैक्ट्री पर कोई काम नहीं होगा.''