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फर्जी आधार और राशन कार्ड बनवाकर उठाया विस्थापन पैकेज, मामले की जांच में जुटा सरिस्का प्रशासन - Sariska Displacement Package Scam

Sariska Displacement Package Scam, फर्जी आधार और राशन कार्ड बनवाकर विस्थापन पैकेज उठाने का मामला सामने आया है. वहीं, शिकायत के बाद अब सरिस्का प्रशासन इस मामले की जांच में जुट गया है. साथ ही कहा गया कि जो भी इस मामले में दोषी पाया जाएगा. उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Sariska Displacement Package Scam
राशन कार्ड बनवाकर उठाया विस्थापन पैकेज (ETV BHARAT Alawar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 19, 2024, 11:37 AM IST

सरिस्का फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह कटिहार (ETV BHARAT Alawar)

अलवर : सरिस्का टाइगर रिजर्व को आबाद कर बाघ, बघेरे और अन्य वन्यजीवों को विचरण के पर्याप्त जंगल मुहैया कराने के लिए शुरू की गई गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया अब फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ने लगी है. सरिस्का के कोर एरिया और आसपास बसे गांवों के विस्थापन के लिए राज्य सरकार की ओर से ग्रामीणों को नकद राशि व जमीन का अच्छा पैकेज दिया जा रहा है. सरकार का यही पैकेज अब विस्थापन प्रक्रिया पर भारी पड़ने लगा है. हाल ही सरिस्का प्रशासन को विस्थापन पैकेज उठाने में फर्जीवाड़े की शिकायत मिली है, जिस पर जांच शुरू कर गड़बड़ी करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू की गई है.

सरिस्का टाइगर रिजर्व और आसपास 29 गांवों का विस्थापन किया जाना है. इनमें से अभी 5 गांवों की विस्थापन प्रक्रिया पूरी हो पाई है. वहीं, अगले चरण में सरिस्का के कोर एरिया में बसे 6 गांवों की विस्थापन प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी. सरिस्का प्रशासन गांवों के विस्थापन के लिए ग्रामीणों की सहमति लेने के लिए प्रयासरत है.

इसे भी पढ़ें - सरिस्का:20 दिन बाद भी वनकर्मियों की पहुंच से दूर बाघ एसटी 2303, वापस लाने के लिए अब लगाया पिंजरा - Tiger came out of Sariska

सरिस्का के फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह कटिहार ने बताया कि नाथूसर गांव के ग्रामीणों की ओर से शिकायत मिली है कि विस्थापन पैकेज की राशि कुछ ऐसे लोगों को दी गई, जो उस गांव के रहने वाले ही नहीं हैं. ऐसे लोगों ने फर्जी तरीके से नाथूसर गांव का आधार और राशन कार्ड आदि बनवा लिया है. ग्रामीणों की शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू की गई है. जांच में विस्थापन पैकेज के फर्जीवाड़े में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों का पता लगा. दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

फील्ड डायरेक्टर ने कहा कि सरिस्का प्रशासन की कोशिश है कि सरिस्का से गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया में किसी तरह की रुकावट न आए. उन्होंने कहा कि सरिस्का के जंगलों से गांवों का विस्थापन जरूरी है.

सरिस्का से विस्थापन के लिए दो तरह के पैकेज : सरिस्का में बसे गांवों के विस्थापन प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार की ओर से दो प्रकार के पैकेज ग्रामीणों को दिए जाते हैं. इनमें एक नगद राशि और दूसरे में जमीन व राशि का पैकेज शामिल है. नगद राशि के पैकेज पर सहमति जताने वाले ग्रामीणों को 15 लाख रुपए देय है. वहीं, दूसरे जमीन के पैकेज में ग्रामीण को 6 बीघा जमीन, 600 वर्गगज का भूखंड और 3.75 लाख रुपए देने का प्रावधान है.

फर्जीवाड़े में करीब 13 लोग शामिल : सरिस्का में विस्थापन प्रक्रिया के फर्जीवाड़े में करीब 13 ग्रामीणों के शामिल होने की आशंका है. इन लोगों ने सरिस्का से विस्थापन पैकेज के 15-15 लाख की राशि गलत तरीके से उठाई है. शिकायत मिलने के बाद अब फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ जांच शुरू की गई है.

सरिस्का फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह कटिहार (ETV BHARAT Alawar)

अलवर : सरिस्का टाइगर रिजर्व को आबाद कर बाघ, बघेरे और अन्य वन्यजीवों को विचरण के पर्याप्त जंगल मुहैया कराने के लिए शुरू की गई गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया अब फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ने लगी है. सरिस्का के कोर एरिया और आसपास बसे गांवों के विस्थापन के लिए राज्य सरकार की ओर से ग्रामीणों को नकद राशि व जमीन का अच्छा पैकेज दिया जा रहा है. सरकार का यही पैकेज अब विस्थापन प्रक्रिया पर भारी पड़ने लगा है. हाल ही सरिस्का प्रशासन को विस्थापन पैकेज उठाने में फर्जीवाड़े की शिकायत मिली है, जिस पर जांच शुरू कर गड़बड़ी करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू की गई है.

सरिस्का टाइगर रिजर्व और आसपास 29 गांवों का विस्थापन किया जाना है. इनमें से अभी 5 गांवों की विस्थापन प्रक्रिया पूरी हो पाई है. वहीं, अगले चरण में सरिस्का के कोर एरिया में बसे 6 गांवों की विस्थापन प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी. सरिस्का प्रशासन गांवों के विस्थापन के लिए ग्रामीणों की सहमति लेने के लिए प्रयासरत है.

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सरिस्का के फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह कटिहार ने बताया कि नाथूसर गांव के ग्रामीणों की ओर से शिकायत मिली है कि विस्थापन पैकेज की राशि कुछ ऐसे लोगों को दी गई, जो उस गांव के रहने वाले ही नहीं हैं. ऐसे लोगों ने फर्जी तरीके से नाथूसर गांव का आधार और राशन कार्ड आदि बनवा लिया है. ग्रामीणों की शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू की गई है. जांच में विस्थापन पैकेज के फर्जीवाड़े में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों का पता लगा. दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

फील्ड डायरेक्टर ने कहा कि सरिस्का प्रशासन की कोशिश है कि सरिस्का से गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया में किसी तरह की रुकावट न आए. उन्होंने कहा कि सरिस्का के जंगलों से गांवों का विस्थापन जरूरी है.

सरिस्का से विस्थापन के लिए दो तरह के पैकेज : सरिस्का में बसे गांवों के विस्थापन प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार की ओर से दो प्रकार के पैकेज ग्रामीणों को दिए जाते हैं. इनमें एक नगद राशि और दूसरे में जमीन व राशि का पैकेज शामिल है. नगद राशि के पैकेज पर सहमति जताने वाले ग्रामीणों को 15 लाख रुपए देय है. वहीं, दूसरे जमीन के पैकेज में ग्रामीण को 6 बीघा जमीन, 600 वर्गगज का भूखंड और 3.75 लाख रुपए देने का प्रावधान है.

फर्जीवाड़े में करीब 13 लोग शामिल : सरिस्का में विस्थापन प्रक्रिया के फर्जीवाड़े में करीब 13 ग्रामीणों के शामिल होने की आशंका है. इन लोगों ने सरिस्का से विस्थापन पैकेज के 15-15 लाख की राशि गलत तरीके से उठाई है. शिकायत मिलने के बाद अब फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ जांच शुरू की गई है.

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