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रायपुर पुलिस की नेक पहल, दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वालों के लगाए गए होर्डिंग, दिया गया इनाम - Raipur police put up billboards

Raipur police put up billboards: रायपुर पुलिस ने दुर्घटना पीड़ितों की मदद को लेकर अनोखी पहल शुरू की है. जिले में दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वालों के होर्डिंग लगवाए हैं. साथ ही उनको पुरस्कृत किया गया है.

Raipur police put up billboards
रायपुर पुलिस की नेक पहल
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 20, 2024, 9:07 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है. जिले में सड़क दुर्घटना में पीड़ितों की मदद करने वालों की तस्वीरें पुलिस ने होर्डिंग में लगवाए हैं. साथ ही उनको पुरस्कृत भी किया गया. रायपुर पुलिस की इस खास पहल की हर कोई सराहना कर रहा है.

रायपुर में 6 मददगारों के लगे होर्डिंग: दरअसल, रायपुर पुलिस ने लोगों को दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की है. रायपुर कलेक्ट्रेट के सामने एक ऐसा बिलबोर्ड लगाया गया है, जिसमें छह लोगों की तस्वीरें है. इनमें उन घटनाओं का विवरण है, जिनमें मददगारों ने पीड़ितों की मदद की थी. साथ ही बिलबोर्ड पर लिखा गया है कि "भीड़ का हिस्सा न बने, घायलों की मदद कर नेक इंसान बने."

जानिए क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक: इस बारे में रायपुर एसएसपी संतोष सिंह ने बुधवार को मीडिया को बताया कि, "लोगों में यह गलत धारणा है कि दुर्घटना पीड़ितों की मदद करना जोखिम भरा है और वे कानूनी कार्रवाई में फंस जाएंगे. देश में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल लगभग 1.5 लाख लोगों की मौत होती है. इसका मुख्य कारण घायल व्यक्तियों को तुरंत इलाज न मिलना है. सड़क दुर्घटना के बाद पहले 30 मिनट का समय 'सुनहरा समय' माना जाता है, क्योंकि अगर इस अवधि के दौरान घायल व्यक्ति को चिकित्सा उपचार मिलता है, तो उसकी जान बचाई जा सकती है."

रायपुर जिले में घटित विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने वाले गुड सेमेरिटंस को मोंमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इसके साथ ही इनका फोटो बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर और लोगो को प्रेरित करना है. भारत देश में हर साल सड़क दुर्घटना में लगभग डेढ़ लाख लोगो की मृत्यु होती है. जिसका प्रमुख कारण घायलों को त्वरित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध नही होने के कारण होता है. -संतोष कुमार सिंह, एसएसपी, रायपुर

अक्सर लोग मदद के बजाय बनाते हैं वीडियो: रायपुर एसएसपी संतोष सिंह ने कहा कि, "आजकल ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं में देखा गया है कि लोग अपने मोबाइल फोन से वीडियो बनाते हैं. फोटो खींचते हैं, लेकिन पीड़ितों की मदद करने से बचते हैं. ऐसे में ये पहल लोगों के मन की गलत धारणा को दूर करने और लोगों को दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रेरित करने के लिए शुरू की गई है."

दुर्घटना पीड़ितों की मदद को लेकर की जा रही पहल: बताया जा रहा है कि रायपुर में यातायात पुलिस को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए काम करने वाले और पीड़ितों को तत्काल मदद करने वाले 'अच्छे लोगों' की पहचान करने और उन्हें पुरस्कार देकर प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया गया है. हाल ही में यहां पुलिस नियंत्रण कक्ष में छह ऐसे लोगों को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे लोगों का अधिक से अधिक प्रचार करें और दुर्घटना पीड़ितों की मदद के बारे में जागरूकता बढ़ाएं.

जानिए होर्डिंग वाले 6 मददगारों के बारे में: रायपुर पुलिस की ओर से लगाए बिलबोर्ड में जिले के छह व्यक्तियों में दशरथ साहू, खिलेश्वर महंत, कार्तिक कुमार निर्मलकर, रवि कुमार साहू, गोविंदा साहनी और पार्थ वैष्णव की तस्वीरें लगाई गई है. होर्डिंग के मुताबिक 11 फरवरी को रायपुर के बाहरी इलाके में डुंडा के पास एक नाले में कार गिरने के बाद निर्मलकर ने दो व्यक्तियों की मदद की थी. उन्होंने तुरंत एक एम्बुलेंस और एक क्रेन को बुलाया. इसके बाद दोनों पीड़ितों को नाले से बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया.

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रायपुर में 6 मददगारों के लगे होर्डिंग: दरअसल, रायपुर पुलिस ने लोगों को दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की है. रायपुर कलेक्ट्रेट के सामने एक ऐसा बिलबोर्ड लगाया गया है, जिसमें छह लोगों की तस्वीरें है. इनमें उन घटनाओं का विवरण है, जिनमें मददगारों ने पीड़ितों की मदद की थी. साथ ही बिलबोर्ड पर लिखा गया है कि "भीड़ का हिस्सा न बने, घायलों की मदद कर नेक इंसान बने."

जानिए क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक: इस बारे में रायपुर एसएसपी संतोष सिंह ने बुधवार को मीडिया को बताया कि, "लोगों में यह गलत धारणा है कि दुर्घटना पीड़ितों की मदद करना जोखिम भरा है और वे कानूनी कार्रवाई में फंस जाएंगे. देश में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल लगभग 1.5 लाख लोगों की मौत होती है. इसका मुख्य कारण घायल व्यक्तियों को तुरंत इलाज न मिलना है. सड़क दुर्घटना के बाद पहले 30 मिनट का समय 'सुनहरा समय' माना जाता है, क्योंकि अगर इस अवधि के दौरान घायल व्यक्ति को चिकित्सा उपचार मिलता है, तो उसकी जान बचाई जा सकती है."

रायपुर जिले में घटित विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने वाले गुड सेमेरिटंस को मोंमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इसके साथ ही इनका फोटो बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर और लोगो को प्रेरित करना है. भारत देश में हर साल सड़क दुर्घटना में लगभग डेढ़ लाख लोगो की मृत्यु होती है. जिसका प्रमुख कारण घायलों को त्वरित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध नही होने के कारण होता है. -संतोष कुमार सिंह, एसएसपी, रायपुर

अक्सर लोग मदद के बजाय बनाते हैं वीडियो: रायपुर एसएसपी संतोष सिंह ने कहा कि, "आजकल ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं में देखा गया है कि लोग अपने मोबाइल फोन से वीडियो बनाते हैं. फोटो खींचते हैं, लेकिन पीड़ितों की मदद करने से बचते हैं. ऐसे में ये पहल लोगों के मन की गलत धारणा को दूर करने और लोगों को दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रेरित करने के लिए शुरू की गई है."

दुर्घटना पीड़ितों की मदद को लेकर की जा रही पहल: बताया जा रहा है कि रायपुर में यातायात पुलिस को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए काम करने वाले और पीड़ितों को तत्काल मदद करने वाले 'अच्छे लोगों' की पहचान करने और उन्हें पुरस्कार देकर प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया गया है. हाल ही में यहां पुलिस नियंत्रण कक्ष में छह ऐसे लोगों को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे लोगों का अधिक से अधिक प्रचार करें और दुर्घटना पीड़ितों की मदद के बारे में जागरूकता बढ़ाएं.

जानिए होर्डिंग वाले 6 मददगारों के बारे में: रायपुर पुलिस की ओर से लगाए बिलबोर्ड में जिले के छह व्यक्तियों में दशरथ साहू, खिलेश्वर महंत, कार्तिक कुमार निर्मलकर, रवि कुमार साहू, गोविंदा साहनी और पार्थ वैष्णव की तस्वीरें लगाई गई है. होर्डिंग के मुताबिक 11 फरवरी को रायपुर के बाहरी इलाके में डुंडा के पास एक नाले में कार गिरने के बाद निर्मलकर ने दो व्यक्तियों की मदद की थी. उन्होंने तुरंत एक एम्बुलेंस और एक क्रेन को बुलाया. इसके बाद दोनों पीड़ितों को नाले से बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया.

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