रायपुर: छत्तीसगढ़ में बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है. बढ़ रहे हैं स्वाइन फ्लू के मामले को देखते हुए राज्य से मिले निर्देश के बाद रायपुर जिले में भी स्वास्थ्य विभाग के अमले को अलर्ट कर दिया गया है. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अमले को सख्त निर्देश दिया गया है. निर्देश के अनुसार अगर किसी को सर्दी, खांसी, बुखार, गले में दर्द या फिर सांस लेने में तकलीफ होती है तो तुरंत जांच कराए. रायपुर में जनवरी से लेकर अब तक स्वाइन फ्लू के 89 केस सामने आए हैं. वर्तमान में स्वाइन फ्लू के 19 एक्टिव केस हैं.
रायपुर में स्वास्थ्य अमला अलर्ट: प्रदेश में बढ़ रहे स्वाइन फ्लू के केसेज को लेकर रायपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मिथिलेश चौधरी ने कहा, "रायपुर के साथ ही पूरे राज्य के लिए स्वाइन फ्लू को लेकर जो निर्देश मिले हैं, उस आधार पर रायपुर जिले के स्वास्थ्य अमले को भी अलर्ट कर दिया गया है. पीएससी, सीएससी जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज जैसी जगह पर डॉक्टर की टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है."
"स्वास्थ्य विभाग के जमीनी अमला मितानी और स्वास्थ्य कार्यकर्ता को लोगों को स्वाइन फ्लू के प्रति जागरूक करने के लिए भी कहा गया है. जनवरी से लेकर अब तक स्वाइन फ्लू के 89 केस सामने आए हैं, जिसमें से 19 केस एक्टिव है. पिछले दो दिनों से जिले में स्वाइन फ्लू के कोई भी मामले नहीं आए." -डॉक्टर मिथिलेश चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रायपुर
क्या होता है स्वाइन फ्लू: स्वाइन फ्लू एक संक्रमण है, जो एक प्रकार के फ्लू (इनफ्लुएंजा) वायरस के कारण होता है. इन्फ्लूएंजा से पीड़ित व्यक्ति के खांसने और छिंकने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलता है. इसलिए मरीज को भर्ती करने के लिए आइसोलेशन वार्ड की जरूरत पड़ती है. स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू को लेकर पूरे प्रदेश में आइसोलेशन वार्ड तैयार भी कर लिए हैं. जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में भी आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है.
ये है स्वाइन फ्लू के लक्षण: वायरल फीवर आदि के लक्षण स्वाइन फ्लू से मिलते-जुलते हैं. इसमें बुखार, सिर दर्द, ठंड लगना, दस्त, खांसी और छींक आने जैसे लक्षण शामिल हैं. फ्लू सीजन में बेसिक हाइजीन का ख्याल रखकर और सर्जिकल मास्क पहनकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है. डॉक्टरों की मानें तो स्वाइन फ्लू के कई मामले गर्मी और मानसून के सीजन में बढ़ जाते हैं.
डॉक्टरी सलाह जरूरी: हालांकि इस बीमारी से बचाव के लिए विभिन्न टीकों के साथ ही कई तरह के एंटीवायरस ट्रीटमेंट भी मौजूद है. बेहतर यही होगा कि इन दवाओं का सेवन के पूर्व डॉक्टर की सलाह और उनकी देखरेख में ट्रीटमेंट कराया जाए.
नोट: खबर में प्रकाशित बातें चिकित्सक की ओर से कही गई बातें हैं. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.