देहरादून: एमडीडीए उपाध्यक्ष ने बैठक कर अहम दिशा निर्देश जारी किए. जिसके तहत देहरादून के घंटाघर स्थित एमडीडीए कॉम्प्लेक्स के टॉप फ्लोर में पीएवीआर की तर्ज पर सुविधाओं को विकसित किया जाएगा. जिसकी डीपीआर बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. इसी तरह आईएसबीटी देहरादून में पुराने शॉपिंग मॉल को भी पीवीआर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. यहां किड्स जोन और फूड कोर्ट आदि निर्माण के भी निर्देश दिए हैं.
प्राइवेट स्कूल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग जरूरी: इसके अलावा सभी प्राइवेट स्कूल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान 6 महीने में पूरा करना होगा और जो स्कूल रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान नहीं करेगा. उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. शहर में जितने भी तालाब हैं, उन्हें वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए पुनर्जीवित किया जाएगा.
वहीं, लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद कुठाल गेट से लेकर पानी वाला बैंड तक अतिक्रमण चिन्हित कर उन्हें हटाने की कार्रवाई की जाए. आमवाला तरला और धौलास में आवासीय परियोजनाओं को लेकर निर्देशित किया कि 19 अप्रैल के बाद इन दोनों योजनाओं में एचआईजी व एमआईजी फ्लैट्स का ब्रॉउजर जारी कर दिया जाए.
प्राधिकरण की संपत्तियों में जहां भी भूखंड या दुकान आदि खाली हैं, उनकी नीलामी की जाएगी. चौराहों के चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए लोनिवि से रिवाइज्ड एस्टीमेट लिया जाएगा. तहसील पार्किंग और नगर निगम ऋषिकेश में बन रही पार्किंग का कार्य जल्द पूरा करने को कहा गया है. घंटाघर स्थित एमडीडीए कॉम्प्लेक्स में बनाए गए तमाम कियोस्क को हटाया जाएगा. इस कॉम्प्लेक्स को संभालने वाली कंपनी से राजस्व की वसूली भी प्राधिकरण करेगा.
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि 19 अप्रैल के बाद आढ़त बाजार के व्यापारियों को भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगा. इस संदर्भ में व्यापारी एसोसिएशन से अंतिम दौर की वार्ता संपन्न हो चुकी है. इंदिरा मार्केट रिडेवलपमेंट के अंतर्गत बन रही नई बिल्डिंग के कार्य में ठेकेदार की ओर से धीमी गति से कार्य किया जा रहा है, इसके लिए अब नया टेंडर करने के निर्देश दिए गए हैं.
वहीं, साईं मंदिर राजपुर रोड पर प्राधिकरण की 600 वर्ग मीटर भूमि पर गेस्ट हाउस निर्माण के निर्देश दिए गए. गेस्ट हाउस बनने के बाद उसे किसी नामी होटल ग्रुप को किराए पर संचालन के लिए दिया जाएगा. इसके अलावा ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर कुंड को पुराने स्वरूप में विकसित किया जाएगा. जहां कुंड के पानी को भी रिचार्ज करने का काम किया जाएगा.
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