नूंह: हरियाणा में बारिश का पानी किसानों के लिए आफत से कम नहीं है. खेत में जमे पानी ने पहले तो किसानों के ज्वार और बाजरे की फसल को नष्ट कर दिया. इसके बाद अब बारिश के पानी का असर रबी फसल की बुआई पर पड़ रहा है. खेतों में बारिश का पानी भरने के कारण किसान सरसों और गेहूं की बुआई नहीं कर पा रहे हैं. बात अगर नूंह जिले की करें तो यहां के दर्जनों गांवों के किसान बरसात के पानी से परेशान हैं.
खेतों में पानी भरने से हो रही परेशानी: मेवात जिले के फिरोजपुर झिरका, नगीना और नूंह खंड के दर्जनों गांव अरावली पर्वत श्रृंखला से सटा हुआ है. इन इलाकों में कई प्राकृतिक झील है, जो बरसात के दिनों में लबालब हो जाता है. यही कारण है कि न केवल ज्वार-बाजरे की फसल खराब हो जाती है बल्कि बाद में अगर यह पानी नहीं सूखता है तो सरसों और गेहूं की फसल पर भी संकट के बादल मंडराने लगते हैं.
इन गांवों में भरा बारिश का पानी: सबसे खास बात तो यह है कि जो जिले का सबसे शुष्क इलाका है नगीना खंड, उसके भी दर्जनों गांव में बारिश का पानी भरा हुआ है. इन गांवों में करहेड़ा, उलेटा, घागस, राजाका, अक्लिमपुर, मूलथान, भूड़बास, जैताका गांव शामिल हैं. इन गांव की जमीन में अभी भी काफी पानी भरा हुआ है, जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है.
बारिश के पानी के कारण खेती करने में काफी परेशानी हो रही है. पहले ज्वार और बाजरे की फसल चौपट हो गई. अब गेहूं और सरसों बोना असंभव लग रहा है. -किसान
किसानों ने सरकार से की मदद की मांग: किसानों ने कहा कि ज्यादा बारिश के कारण ज्वार-बाजरे की फसल गल गई. पूरी फसल खराब हो गई है. अब खेत में पानी होने के कारण सरसों-गेहूं की बुआई नहीं हो पा रही है. ऐसे में आने वाले समय में हम किसानों को आर्थिक तंगी झेलना पड़ सकता है. अगर सरकार से हमें कुछ मदद मिल जाए तो राहत होगी.
बता दें कि नूंह के किसानों ने अपनी फसलों के नुकसान को लेकर सरकार से मुआवजे की मांग की है. वहीं, खेत में पानी भरने के कारण किसान रबी की फसल की बुआई नहीं करने से खासा परेशान हैं.
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