रांचीः बसंत ऋतु दस्तक दे चुकी है. सर्दी अलविदा कह रही है. इस बीच रांची समेत झारखंड के कई जिलों में सोमवार से हो रही बारिश ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है. रांची में 12 फरवरी की रात रुक रुकर बारिश होती रही.
मौसम केंद्र ने अगले कुछ घंटों के बीच रांची, गिरिडीह, कोडरमा, लोहरदगा, रामगढ़, बोकारो, देवघर, हजारीबाग, जामताड़ा, चतरा, गढ़वा, लातेहार और पलामू जिला के कई भागों में बारिश और मेघ गर्जन के साथ वज्रपात की संभावना जतायी है. पिछले 24 घंटे में गुमला में सबसे ज्यादा 11 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है. लोहरदगा में 10 मिमी, रांची में 5.5 मिमी, गढ़वा में 8.5 मिमी बारिश हुई है. 13 फरवरी को सुबह की शुरुआत बूंदाबांदी से हुई, लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया जमकर बारिश होने लगी. इसकी वजह से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी, सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को हुई. बारिश की वजह से सड़कों पर ट्रैफिक कम है.
मौसम केंद्र, रांची के मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मौसम बदला है. इसका असर पश्चिमी, मध्य और उत्तर पूर्वी भाग में दिख रहा है. इन इलाकों में हल्की बारिश हो रही है. आसमान में बादल छाए हुए हैं. मौसम केंद्र के मुताबिक यह स्थिति 15 फरवरी तक बनी रहेगी. लेकिन 16 फरवरी से मौसम साफ होने लगेगा. अगले दो दिनों तक धूप नहीं निकलने की वजह से ठंड का अहसास जरुर होगा लेकिन न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा.
बेमौसम बारिश का असर फसलों पर पड़ा है. खासकर आम के मंजर झड़े हैं. वहीं सब्जियों के लिए चर्चित झारखंड के कई जिलों के किसान प्रभावित हुए हैं. क्योंकि टमाटर, गोभी जैसी सब्जियों की फसलों के सड़ने का खतरा है. दलहनी फसल पर भी फफूंद लगने की संभावना है. कृषि वैज्ञानिकों की सलाह है कि खेतों में बारिश का पानी जमा ना होने दें. उसकी निकासी जरुरी है.
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