रामगढ़ : बरकाकाना रेलवे स्टेशन मोड़ से करीब आधा किलोमीटर तक अतिक्रमण को लेकर रेलवे विभाग ने दुकानदारों को सात दिनों का अल्टीमेटम दिया है. सात दिनों के अंदर अतिक्रमण नहीं हटाने पर बल प्रयोग कर सभी दुकानें तोड़ने की बात कही गयी है. इससे दुकानदारों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
इसे लेकर दुकानदारों ने अपनी दुकानों को बचाने के लिए हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा से गुहार लगाई थी, जिसके बाद जयंत सिन्हा बरकाकाना पहुंचे और रेलवे अधिकारियों और दुकानदारों से बात की. सांसद ने कहा कि विकास जरूरी है लेकिन दुकानदारों को भी बसाया जायेगा, उनकी दुकानें फिलहाल नहीं तोड़ी जायेंगी.
मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स की मांग
दुकानदारों ने बताया कि वे पिछले 50 वर्षों से इसी दुकान से अपनी जीविका चला रहे हैं. उनकी समस्या के प्रति सहानुभूतिपूर्वक पहल की जानी चाहिए. पहले हमें बसाना होगा फिर हमें उजाड़ना होगा. इससे पहले भी रेलवे विभाग ने सौंदर्यीकरण के नाम पर कई दुकानों को तोड़ा था, लेकिन वहां किसी तरह का कोई निर्माण नहीं किया गया. उनकी दुकानों पर बुलडोजर तैनात कर दिया गया है. सबसे पहले एक मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स तैयार किया जाए ताकि वे अच्छा जीवन यापन कर सकें.
रेल विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह उनके स्तर का मामला नहीं है. उन्होंने धनबाद मंडल कार्यालय को प्रस्ताव और यहां की स्थिति से अवगत करा दिया है. हम यथासंभव मदद करने का प्रयास करेंगे.
सांसद ने दिया आश्वासन
सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि अमृत भारत योजना के तहत करीब 32 करोड़ रुपये की लागत से बरकाकाना जंक्शन का कायाकल्प किया जा रहा है. इसके तहत रेलवे विभाग की ओर से दुकानदारों को नोटिस दिया गया है. लेकिन जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक उनकी दुकानें नहीं तोड़ी जाएंगी. यदि यह व्यवस्था नहीं बनती है तो दुकानदारों के सामने बैठकर उनकी सहमति से कार्ययोजना बनाई जाएगी, उसके बाद ही इन दुकानों को तोड़ने की अनुमति दी जाएगी. इन दुकानदारों की समस्या सिर्फ धनबाद मंडल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इनकी समस्या से रेलवे बोर्ड और रेल मंत्री को भी अवगत कराया गया है. समस्या का समाधान करने का आश्वासन भी दिया गया है.
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