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समरहिल में रेलवे पुल गिरने का बना खतरा, शिमला आने-जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द, जानिए कब होगी बहाल ? - kalka shimla rail track

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 22, 2024, 6:53 PM IST

Updated : Jun 22, 2024, 9:37 PM IST

KALKA SHIMLA RAIL TRACK DISRUPTED: राजधानी शिमला के समरहिल में कालका-शिमला रेल लाइन पर रेलवे पुल के गिरने का खतरा बन रहा है. रेलवे ने एहतियात बरतते हुए इस ट्रैक पर ट्रेन की आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया है. बता दें कि शिमला के समरहिल की शिव बावड़ी मे बीते वर्ष बरसात के समय आई आपदा में रेलवे ब्रिज भी ध्वस्त हुआ था, जिसके बाद इस स्थान पर ट्रेन की आवाजाही के लिए लोहे का अस्थायी पुल बनाया गया था, जिस पर अभी तक ट्रेन चल रहीं थीं.

KALKA SHIMLA RAIL TRACK
समरहिल मे रेलवे पुल गिरने का बना खतरा (Etv Bharat)

शिमला: राजधानी शिमला के समरहिल में कालका-शिमला रेल लाइन पर रेलवे पुल के गिरने का खतरा बन रहा है. रेलवे ने एहतियात बरतते हुए इस ट्रैक पर ट्रेन की आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया है. इस ट्रैक से शिमला आने और जाने वाली सभी सात रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया है. फिलहाल पुल की मरम्मत होने के बाद ही इस ट्रैक पर रेलगाड़ियों की आवाजाही शुरू हो पाएगी.

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बता दें कि इन दिनों शिमला में पर्यटन सीजन चरम पर है और रेल सेवाएं शिमला के लिए बंद होने से पर्यटन सीजन प्रभावित हो सकता है. बाहरी राज्यों से भारी संख्या में पर्यटक ट्रेन के माध्यम से शिमला आते हैं. पर्यटन सीजन के चलते हजारों पर्यटकों ने कालका-शिमला रेल के लिए एडवांस बुकिंग करवा रखी है, लेकिन अब कुछ दिन के लिए इस ट्रैक पर रेलगाड़ियों की आवाजाही नहीं होगी. रेलवे ने फिलहाल आज के लिए रेल सेवा बंद की है, लेकिन यदि निर्माण कार्य पूरा नही होता है तो रविवार को भी ट्रेन की आवाजाही नहीं हो पाएगी.

आपदा में ध्वस्त हुआ था रेलवे ब्रिज

बता दें कि शिमला के समरहिल की शिव बावड़ी मे बीते वर्ष बरसात के समय आई आपदा में रेलवे ब्रिज भी ध्वस्त हुआ था, जिसके बाद इस स्थान पर ट्रेन की आवाजाही के लिए लोहे का अस्थायी पुल बनाया गया था, जिस पर अभी तक ट्रेन चल रहीं थीं. स्थानीय पार्षद वीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि बीते कल इस अस्थाई पुल के एक छोर पर कुछ दिक्कत नजर आने लगी थी, जिस कारण रेलवे ने आज इस ट्रैक पर आने-जाने वालीं सभी ट्रेन को रद्द करने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि इस स्थान पर सीमेंट के स्थाई पुल के निर्माण का काम भी जारी है.

कालका-शिमला ट्रैक का इतिहास

कालका शिमला ट्रैक 1903 में शुरू हुआ था. यह तकरीबन 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इसकी सुंदरता दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन से मिलती जुलती है. एक तरफ ऊंचा शहर है तो दूसरी तरफ गहरी घाटी. रेल मार्ग पर कुल 889 पुल और 103 सुरंगें है, लेकिन एक सुरंग भूस्खलन में ध्वस्त हो गई थी. अब इनकी संख्या 102 रह गई है. 8 जुलाई 2008 को यूनेस्को ने इस ट्रैक को विश्व धरोहर का दर्जा दिया था.

शिमला: राजधानी शिमला के समरहिल में कालका-शिमला रेल लाइन पर रेलवे पुल के गिरने का खतरा बन रहा है. रेलवे ने एहतियात बरतते हुए इस ट्रैक पर ट्रेन की आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया है. इस ट्रैक से शिमला आने और जाने वाली सभी सात रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया है. फिलहाल पुल की मरम्मत होने के बाद ही इस ट्रैक पर रेलगाड़ियों की आवाजाही शुरू हो पाएगी.

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बता दें कि इन दिनों शिमला में पर्यटन सीजन चरम पर है और रेल सेवाएं शिमला के लिए बंद होने से पर्यटन सीजन प्रभावित हो सकता है. बाहरी राज्यों से भारी संख्या में पर्यटक ट्रेन के माध्यम से शिमला आते हैं. पर्यटन सीजन के चलते हजारों पर्यटकों ने कालका-शिमला रेल के लिए एडवांस बुकिंग करवा रखी है, लेकिन अब कुछ दिन के लिए इस ट्रैक पर रेलगाड़ियों की आवाजाही नहीं होगी. रेलवे ने फिलहाल आज के लिए रेल सेवा बंद की है, लेकिन यदि निर्माण कार्य पूरा नही होता है तो रविवार को भी ट्रेन की आवाजाही नहीं हो पाएगी.

आपदा में ध्वस्त हुआ था रेलवे ब्रिज

बता दें कि शिमला के समरहिल की शिव बावड़ी मे बीते वर्ष बरसात के समय आई आपदा में रेलवे ब्रिज भी ध्वस्त हुआ था, जिसके बाद इस स्थान पर ट्रेन की आवाजाही के लिए लोहे का अस्थायी पुल बनाया गया था, जिस पर अभी तक ट्रेन चल रहीं थीं. स्थानीय पार्षद वीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि बीते कल इस अस्थाई पुल के एक छोर पर कुछ दिक्कत नजर आने लगी थी, जिस कारण रेलवे ने आज इस ट्रैक पर आने-जाने वालीं सभी ट्रेन को रद्द करने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि इस स्थान पर सीमेंट के स्थाई पुल के निर्माण का काम भी जारी है.

कालका-शिमला ट्रैक का इतिहास

कालका शिमला ट्रैक 1903 में शुरू हुआ था. यह तकरीबन 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इसकी सुंदरता दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन से मिलती जुलती है. एक तरफ ऊंचा शहर है तो दूसरी तरफ गहरी घाटी. रेल मार्ग पर कुल 889 पुल और 103 सुरंगें है, लेकिन एक सुरंग भूस्खलन में ध्वस्त हो गई थी. अब इनकी संख्या 102 रह गई है. 8 जुलाई 2008 को यूनेस्को ने इस ट्रैक को विश्व धरोहर का दर्जा दिया था.

Last Updated : Jun 22, 2024, 9:37 PM IST
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