रायगढ़: शहर की आबादी से दूर एक इलाका है पारेमेर घुटरुपारा. बरसात के दिनों में यहां पहुंचना किसी चुनौती को पूरा करने जैसा है. पैदल आने जाने भी लोगों की हालत खराब हो जाती है. ऐसे में जब कोई बीमार हो जाता है तो उसे अस्पताल पहुंचाना बड़ी मुश्किल का काम होता है. कई बार लोगों को मदद मिल जाती है कई बार परिवार गांव वालों की मदद से अस्पताल तक पहुंच पाता है. रविवार को घुटरुपारा में एक महिला को लेबर पेन की शिकायत हुई. परिवार के लोग महिला को प्रसव के लिए अस्पताल ले जाने के लिए निकले.
सोशल पुलिसिंग का शानदार उदाहरण: मौके पर डायल 112 को भी फोन कर बुला लिया गया. पर गांव के भीतर कच्ची सड़क और रास्ते खराब होने के चलते गाड़ी रोड पर ही खड़ी रही. गांव से सड़क की दूरी भी काफी थी. ऐसे में मेडिकल इमरजेंसी का फोन थाना कापू के राइनो टीम को मिला. डायल 112 की ड्यूटी में तैनात आरक्षक और वाहन चालक मौके पर पहुंचे. परिवार के लोग पहले महिला को रोड तक लाने के लिए तैयार नहीं थे. आरक्षक ने जब परिवार को हिम्मत बंधाई तो परिवार जाने के लिए राजी हो गया. दोनों ने कांवर बनाकर महिला को रोड तक पहुंचाया.
''हमें खबर मिली की बाड़मेर में एक महिला को प्रसव के लिए अस्पताल ले जाना था. बरसात के चलते नाले में पानी था लिहाजा गाड़ी नहीं जा सकी. हमारे आरक्षक ने हिम्मत दिखाते हुए नदी को पार किया और महिला को गाड़ी तक लेकर आए. अस्पताल ले जाने के क्रम में प्रसव पीड़ा और बढ़ गई. रास्ते में ही गाड़ी रोककर सड़क किनारे मितानिन की मदद से प्रसव कराया गया. जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. आरक्षक ने प्रसव के बाद महिला को अस्पताल भी पहुंचाया. आरक्षक और ड्राइवर दोनों ने बेहतरीन काम किया है. पुलिस लगातार सोशल पुलिसिंग का काम कर रही है''. - रामगोपाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण)
आरक्षक की मदद से मितानिनों ने कराया सुरक्षित प्रसव: जैसे ही गर्भवती महिला डायल 112 तक पहुंची उसकी तकलीफ और बढ़ गई. डायल 112 में मौजूद मितानिन ने लोगों की मदद से महिला का सुरक्षित प्रसव रास्ते में ही गाड़ी रोककर सड़क किनारे कराया. प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह से सुरक्षित हैं. महिला को बाद में जमरगा अस्पताल में दाखिल कराया गया है. गांव के लोग अब डायल 112 के कर्मचारियों की खूब तारीफ कर रहे हैं.