नई दिल्ली/नोएडाः नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन ओएसडी रविंद्र सिंह यादव (वर्तमान में निलंबित) के घर व ठिकानों पर विजिलेंस की टीम ने 12 घंटे तक छापेमारी की है. इस दौरान उनके नोएडा स्थित सेक्टर 47 आलीशान मकान में छापेमारी की गई और जसवंत नगर इटावा में उनके बेटे के नाम पर चल रहे स्कूल में भी सर्च अभियान चलाया गया.
घर से लाखों का सामान बरामद: रविंद्र सिंह यादव पर 2012 से 2017 तक रिश्वत लेकर संपत्ति बनाने का आरोप है. आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार को लेकर रविंद्र कुमार सिंह यादव ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से निलंबित किया गया था, उनके घर से 62 लाख की ज्वैलरी,दो लाख कैश,20 करोड़ की दस्तावेज़ बरामद किए गए थे. मेरठ विजिलेंस ने एक साल साल पहले ही रविंद्र यादव पर आय से अधिक संपत्ति का मामला किया था दर्ज.
करोड़ों की संपत्ति: विजिलेंस टीम की छापेमारी के दौरान टीम को जानकारी मिली है कि रविंद्र सिंह यादव का नोएडा सेक्टर 47 स्थित मकान तीन मंजिला है जिसकी कीमत 16 करोड़ है, जो कि आय से अधिक संपत्ति से बनाया गया है. इसके अलावा जसवंत नगर इटावा में बेटे के नाम स्कूल होने की जानकारी मिली है. स्कूल जिस जमीन पर बना है उसकी कीमत लगभग 15 करोड़ है. वर्तमान में रविंद्र सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच चल रही है.
एडिशनल एसपी विजिलेंस इंदु सिद्धार्थ ने बताया कि टीम की छापेमारी के दौरान रविंद्र सिंह यादव के घर से करीब 70 से 75 लाख के आभूषण मिले हैं, जिनके दस्तावेज उनके घर वाले पेश नहीं कर सके हैं. जो आय से अधिक संपत्ति आरोपी द्वारा अर्जित की गई थी उसी से यह आभूषण बनवाए गए हैं. इसके अलावा घर में 40 लाख रुपए के अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान भी मिले हैं.
स्कूल में लगा है 2 करोड़ का फर्नीचर: इटावा के जसवंत नगर में चल रहा रविंद्र सिंह यादव के बेटे के नाम का स्कूल लग्जरी सुविधाओं से लैस है. यहां पर विजिलेंस टीम को जांच के दौरान लगभग 2 करोड़ के फर्नीचर मिले हैं. और एक करोड़ की लागत से खरीदी गई 10 अलग-अलग बस मिली है.
सूत्रों के अनुसार जांच में और भी कई नाम सामने आ सकते हैं. वहीं, रविन्द्र यादव के यहा हुई छापेमारी की कार्रवाई के बाद से नोएडा , ग्रेटर नोएडा, यमुना तीनों ही प्राधिकरण में तैनात कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है. वर्तमान में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही जो पूर्व में रिटायर हो चुके हैं, उनमें भी दहशत फैल गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ अन्य लोगों के यहां भी छापेमारी की कार्रवाई हो सकती है. इस संबंध में नोएडा प्राधिकरण के किसी भी अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा बात किए जाने से परहेज किया जा रहा है.
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