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राहुल गांधी छोड़ेंगे वायनाड सीट, रायबरेली से रहेंगे सांसद, कांग्रेस वर्किंग कमेटी बैठक बनी सहमति - Rahul Gandhi Wayanad or Raebareli Seat

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से शुक्रवार को हुए बैठक में राहुल गांधी को रायबरेली से ही सांसद बने रहने का प्रस्ताव पास किया गया था, जिसे कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में रखा गया. जिस पर कमेटी के सदस्यों ने लगभग अपनी सहमति प्रदान कर दी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 8, 2024, 6:39 PM IST

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी का फाइल फोटो. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायानाड लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अगले कुछ दिनों में वायनाड सीट को छोड़ देंगे. शनिवार को दिल्ली में आयोजित हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में लगभग इस बात पर सहमति बन गई है.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से शुक्रवार को हुए बैठक में राहुल गांधी को रायबरेली से ही सांसद बने रहने का प्रस्ताव पास किया गया था, जिसे कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में रखा गया. जिस पर कमेटी के सदस्यों ने लगभग अपनी सहमति प्रदान कर दी है.

इसके बाद लगभग तय हो गया है कि राहुल गांधी रायबरेली सीट से ही सांसद रहेंगे. बता दें कि चुनाव के नतीजे आने के 14 दिन के अंदर दो सीटों से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को किसी एक सीट को खाली करना पड़ता है.

राहुल गांधी की 5 साल बाद होगी उत्तर प्रदेश में वापसी: कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि वर्किंग कमेटी में शामिल उत्तर प्रदेश के नेताओं की तरफ से राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से सांसद बने रहने का प्रस्ताव वर्किंग कमेटी के सामने रखा गया था. जिसमें कहा गया कि उत्तर प्रदेश की मौजूदा राजनीति को देखते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को यूपी की राजनीति में बने रहना चाहिए. उनके रायबरेली के सांसद बने रहने से उत्तर प्रदेश में कार्यकर्ताओं और नेताओं में एक नई ऊर्जा का संचार होगा.

बता दें कि 2019 में अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी वायनाड सीट से सांसद हो गए थे. उन्होंने दोनों ही लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. पर 5 साल बाद 2024 में उन्होंने रायबरेली लोकसभा सीट के सोनिया गांधी द्वारा खाली करने के बाद उन्होंने वहां से चुनाव लड़ा और जीत गए.

पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस प्रदेश नेताओं की ओर से गांधी परिवार से उत्तर प्रदेश में बने रहने की मांग की गई थी. अगर राहुल गांधी रायबरेली सीट छोड़ देते और वायानाड वापस चले जाते तो, गांधी परिवार का उत्तर प्रदेश से नाता पूरी तरह से समाप्त हो जाता. यह यूपी में कांग्रेस की राजनीति के लिए बिल्कुल सही नहीं होता. इसी को ध्यान में रखते हुए वर्किंग कमेटी ने राहुल गांधी को रायबरेली सीट से ही सांसद रहने की बात कही है.

किसी कार्यकर्ता को वायनाड में चुनाव लड़ा सकती है कांग्रेस: कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि वर्किंग कमेटी में इस बात की भी लगभग मंजूरी दे दी गई है कि वायनाड लोकसभा सीट के खाली होने पर कांग्रेस अपने किसी मजबूत कार्यकर्ता को वहां से उपचुनाव का उम्मीदवार बनाएगी. बैठक में यह तय किया गया कि आने वाले कुछ महीनों में केरल के विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में किसी कार्यकर्ता को वहां से चुनाव लड़ने पर एक अच्छा संदेश पार्टी के अंदर जाएगा. जिसका फायदा पार्टी को वहां के विधानसभा चुनाव में होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ेंः अयोध्या में क्यों हारी भाजपा; पार्टी के दिग्गज कहां रहे फेल, क्या रहा सपा की जीत का मंत्र

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायानाड लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अगले कुछ दिनों में वायनाड सीट को छोड़ देंगे. शनिवार को दिल्ली में आयोजित हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में लगभग इस बात पर सहमति बन गई है.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से शुक्रवार को हुए बैठक में राहुल गांधी को रायबरेली से ही सांसद बने रहने का प्रस्ताव पास किया गया था, जिसे कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में रखा गया. जिस पर कमेटी के सदस्यों ने लगभग अपनी सहमति प्रदान कर दी है.

इसके बाद लगभग तय हो गया है कि राहुल गांधी रायबरेली सीट से ही सांसद रहेंगे. बता दें कि चुनाव के नतीजे आने के 14 दिन के अंदर दो सीटों से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को किसी एक सीट को खाली करना पड़ता है.

राहुल गांधी की 5 साल बाद होगी उत्तर प्रदेश में वापसी: कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि वर्किंग कमेटी में शामिल उत्तर प्रदेश के नेताओं की तरफ से राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से सांसद बने रहने का प्रस्ताव वर्किंग कमेटी के सामने रखा गया था. जिसमें कहा गया कि उत्तर प्रदेश की मौजूदा राजनीति को देखते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को यूपी की राजनीति में बने रहना चाहिए. उनके रायबरेली के सांसद बने रहने से उत्तर प्रदेश में कार्यकर्ताओं और नेताओं में एक नई ऊर्जा का संचार होगा.

बता दें कि 2019 में अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी वायनाड सीट से सांसद हो गए थे. उन्होंने दोनों ही लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. पर 5 साल बाद 2024 में उन्होंने रायबरेली लोकसभा सीट के सोनिया गांधी द्वारा खाली करने के बाद उन्होंने वहां से चुनाव लड़ा और जीत गए.

पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस प्रदेश नेताओं की ओर से गांधी परिवार से उत्तर प्रदेश में बने रहने की मांग की गई थी. अगर राहुल गांधी रायबरेली सीट छोड़ देते और वायानाड वापस चले जाते तो, गांधी परिवार का उत्तर प्रदेश से नाता पूरी तरह से समाप्त हो जाता. यह यूपी में कांग्रेस की राजनीति के लिए बिल्कुल सही नहीं होता. इसी को ध्यान में रखते हुए वर्किंग कमेटी ने राहुल गांधी को रायबरेली सीट से ही सांसद रहने की बात कही है.

किसी कार्यकर्ता को वायनाड में चुनाव लड़ा सकती है कांग्रेस: कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि वर्किंग कमेटी में इस बात की भी लगभग मंजूरी दे दी गई है कि वायनाड लोकसभा सीट के खाली होने पर कांग्रेस अपने किसी मजबूत कार्यकर्ता को वहां से उपचुनाव का उम्मीदवार बनाएगी. बैठक में यह तय किया गया कि आने वाले कुछ महीनों में केरल के विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में किसी कार्यकर्ता को वहां से चुनाव लड़ने पर एक अच्छा संदेश पार्टी के अंदर जाएगा. जिसका फायदा पार्टी को वहां के विधानसभा चुनाव में होने की उम्मीद है.

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