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राहुल गांधी की न्याय यात्रा के पहले कांग्रेस को बड़ी टूट का डर, कमलनाथ एपीसोड से पार्टी में घबराहट

MP Congress Fears Fresh Exodus: एमपी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की एंट्री से पहले क्या कांग्रेस में बड़ी टूट हो सकती है. सिंधिया के बड़े झटके के बाद हालिया कमलनाथ मामले में किसी तरह संभली पार्टी की स्थिति छाछ नहीं पानी भी फूंक-फूंक कर पीने की है.

Nyay Yatra to Reach MP 2 March
राहुल गांधी की न्याय यात्रा की तैयारी के संबंध में कांग्रेस की बैठक
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 20, 2024, 7:30 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ के हालिया एपीसोड को अगर ट्रेलर माने, तो क्या वाकई कांग्रेस के विधायक नई राह पकड़ सकते हैं. असल में कांग्रेस के कई विधायक ये मान रहे हैं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जो स्थिति है ऐसे में पांच साल विधायकों के लिए जनता के काम करवा पाना भी अब मुश्किल होगा. तो जिसे राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तैयारियों का हिस्सा बताया जा रहा है, क्या कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जितेन्द्र सिंह के विधायकों से वन टू वन का एक मकसद ये भी था कि कोई सेंध ना रह जाए...

kamal nath bjp joining episode
कांग्रेस की बैठक में वर्चुअली जुड़े कमननाथ

जोड़ो यात्रा के दौरान कोई ना टूटने पाए

राजस्थान कांग्रेस में सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजने के बाद से जो सियासी घटनाक्रम बना. उसने मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस प्रदेश संगठन की सांसे फुला दी हैं. चिंता इस बात की है कि कहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एमपी में विधायकों की टूटन ना शुरू हो जाए. 72 घंटे के कमलनाथ एपीसोड ने बखिया पहले ही उधेड़ दी और बता दिया कि पार्टी के भीतर विधायकों का जोड़ कितना कमजोर है. कमलनाथ के नई राह पकड़ते ही सज्जन सिंह वर्मा का बयान आया था कि कमलनाथ का पार्टी में मान सम्मान नहीं हुआ. उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि जो फैसला कमलनाथ लेंगे वही फैसला उनका भी होगा. कमोबेश यही बयान सतीश सिकरवार से लेकर पार्टी के नेता सैय्यद जाफर का भी आया. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं "कांग्रेस में जिस तरह से चाय से ज्यादा तपेली गर्म हुईं. उसने असल में पार्टी की बखिया उधेड़कर रख दी. ये बता दिया कि कांग्रेस किस मुहाने पर खड़ी है और ये एक तरीके से पार्टी के लिए अलार्म भी है."

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विधायकों से वन टू वन ताकि सेंध भरी जा सके...

कहा बेशक ये कहा जा रहा हो कि राहुल गांधी की यात्रा के पहले विधायकों से वन टू वन तैयारियों के मद्देनजर है. लेकिन इसकी एक वजह ये भी है कि कमलनाथ एपीसोड का ताजा झटका झेल चुकी पार्टी अब कोई जोखिम नहीं चाहती. यही वजह है कि कमलनाथ की पार्टी बैठक में मौजूदगी के सबूत दिए गए. बताया गया कि वे हैं ताकि उनके समर्थक किसी हड़बड़ी में ना रहें. प्रभारी जीतेन्द्र सिंह ने भी कार्यकर्ताओं का टूटा मनोबल संभालने के लिए कहा कि कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने को लेकर अफवाह फैलाई गई थी. जीतेन्द्र सिंह ने पुष्टि के अंदाज में ये कहा कि राहुल गांधी की दो मार्च को एमपी पहुंच रही यात्रा में कमलनाथ और उनके बेटे नकुनलाथ दोनों शामिल होंगे.

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ के हालिया एपीसोड को अगर ट्रेलर माने, तो क्या वाकई कांग्रेस के विधायक नई राह पकड़ सकते हैं. असल में कांग्रेस के कई विधायक ये मान रहे हैं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जो स्थिति है ऐसे में पांच साल विधायकों के लिए जनता के काम करवा पाना भी अब मुश्किल होगा. तो जिसे राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तैयारियों का हिस्सा बताया जा रहा है, क्या कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जितेन्द्र सिंह के विधायकों से वन टू वन का एक मकसद ये भी था कि कोई सेंध ना रह जाए...

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जोड़ो यात्रा के दौरान कोई ना टूटने पाए

राजस्थान कांग्रेस में सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजने के बाद से जो सियासी घटनाक्रम बना. उसने मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस प्रदेश संगठन की सांसे फुला दी हैं. चिंता इस बात की है कि कहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एमपी में विधायकों की टूटन ना शुरू हो जाए. 72 घंटे के कमलनाथ एपीसोड ने बखिया पहले ही उधेड़ दी और बता दिया कि पार्टी के भीतर विधायकों का जोड़ कितना कमजोर है. कमलनाथ के नई राह पकड़ते ही सज्जन सिंह वर्मा का बयान आया था कि कमलनाथ का पार्टी में मान सम्मान नहीं हुआ. उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि जो फैसला कमलनाथ लेंगे वही फैसला उनका भी होगा. कमोबेश यही बयान सतीश सिकरवार से लेकर पार्टी के नेता सैय्यद जाफर का भी आया. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं "कांग्रेस में जिस तरह से चाय से ज्यादा तपेली गर्म हुईं. उसने असल में पार्टी की बखिया उधेड़कर रख दी. ये बता दिया कि कांग्रेस किस मुहाने पर खड़ी है और ये एक तरीके से पार्टी के लिए अलार्म भी है."

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