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रघुवर सरकार 2015 में लाई थी लेटरल एंट्री स्कीम, कांग्रेस विधायक ने की हेमंत सोरेन से रद्द करने की मांग - Lateral Entry - LATERAL ENTRY

Pradeep Yadav. पूर्ववर्ती रघुवर दास की सरकार भी अधिकारियों की लेटरल एंट्री स्कीम 2015 में लाई थी. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इसे रद्द करने की मांग की है.

Lateral Entry
कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 23, 2024, 2:16 PM IST

रांची: झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री और वर्तमान में विधानसभा में शून्यकाल समिति के सभापति प्रदीप यादव ने बड़ा खुलासा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है. यह पत्र पूर्व की रघुवर दास सरकार द्वारा विभागों में उच्च कुशलता प्राप्त प्रोफेशनल को संविदा पर नियोजित करने के संकल्प से जुड़ा है. प्रदीप यादव ने तब की सरकार के संकल्प संख्या 8598/29.09.2015 (कार्मिक, प्रशासनिक तथा राजभाषा विभाग) को रद्द करने की मांग की है.

कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव (ईटीवी भारत)
क्या क्या लिखा है प्रदीप यादव ने इस पत्र में

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सरकार द्वारा 2015 में जारी संकल्प की प्रति संलग्न करते हुए लिखे पत्र में प्रदीप यादव ने कहा है कि पूर्ववर्ती सरकार ने 2015 में संवैधानिक व्यवस्था से इतर एक वैकल्पिक रास्ता बनाकर आरक्षण की अनदेखी और कॉरपोरेट घरानों के अनुरूप एवं एक पार्टी के समर्थित विचार रखने वालों को सरकार के उच्च पदों पर अधिकारी बनाकर बिठाने का रास्ता बनाया था. लेकिन उस समय राज्य में इस संकल्प (संकल्प संख्या 8598/29.09.2015 (कार्मिक,प्रशासनिक तथा राजभाषा विभाग) का जबर्दस्त विरोध की वजह से इसे सुषुप्ताअवस्था में छोड़ दिया गया.

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विधायक प्रदीप यादव का पत्र (ईटीवी भारत)
प्रदीप यादव ने कहा कि उन्हें डर है कि आनेवाले दिनों में सुषुप्ताअवस्था में पड़ा पूर्व सरकार का यह संकल्प कहीं एक आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी गलत व्यवस्था को न जन्म दे दे, इसलिए बहुत जरूरी है कि वर्तमान सरकार 2015 में पूर्व की रघुवर सरकार द्वारा पारित संकल्प(संकल्प संख्या 8598/29.09.2015 कार्मिक,प्रशासनिक तथा राजभाषा विभाग) को अविलंब रद्द करे. ताकि राज्य के आदिवासी-दलित और पिछड़े समाज के लोगों को इस बात की शांति और सुकून दिलाये कि उनका आरक्षण का अधिकार सुरक्षित है.झारखंड में लाये गए 2015 के संकल्प के तर्ज पर ही भारत सरकार ला रही थी UPSC के माध्यम से लेटरल एंट्री वाला प्रावधान

पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि झारखंड में पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा पारित संकल्प के तर्ज पर ही 17 अगस्त 2024 को मंत्रालय के उच्च पदों पर आरक्षण की अनदेखी कर UPSC के माध्यम से लैटरल एंट्री का विज्ञापन निकाला था जिसे देश भर में विरोध के बाद मजबूरन वापस लेना पड़ा.

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रांची: झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री और वर्तमान में विधानसभा में शून्यकाल समिति के सभापति प्रदीप यादव ने बड़ा खुलासा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है. यह पत्र पूर्व की रघुवर दास सरकार द्वारा विभागों में उच्च कुशलता प्राप्त प्रोफेशनल को संविदा पर नियोजित करने के संकल्प से जुड़ा है. प्रदीप यादव ने तब की सरकार के संकल्प संख्या 8598/29.09.2015 (कार्मिक, प्रशासनिक तथा राजभाषा विभाग) को रद्द करने की मांग की है.

कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव (ईटीवी भारत)
क्या क्या लिखा है प्रदीप यादव ने इस पत्र में

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सरकार द्वारा 2015 में जारी संकल्प की प्रति संलग्न करते हुए लिखे पत्र में प्रदीप यादव ने कहा है कि पूर्ववर्ती सरकार ने 2015 में संवैधानिक व्यवस्था से इतर एक वैकल्पिक रास्ता बनाकर आरक्षण की अनदेखी और कॉरपोरेट घरानों के अनुरूप एवं एक पार्टी के समर्थित विचार रखने वालों को सरकार के उच्च पदों पर अधिकारी बनाकर बिठाने का रास्ता बनाया था. लेकिन उस समय राज्य में इस संकल्प (संकल्प संख्या 8598/29.09.2015 (कार्मिक,प्रशासनिक तथा राजभाषा विभाग) का जबर्दस्त विरोध की वजह से इसे सुषुप्ताअवस्था में छोड़ दिया गया.

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विधायक प्रदीप यादव का पत्र (ईटीवी भारत)
प्रदीप यादव ने कहा कि उन्हें डर है कि आनेवाले दिनों में सुषुप्ताअवस्था में पड़ा पूर्व सरकार का यह संकल्प कहीं एक आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी गलत व्यवस्था को न जन्म दे दे, इसलिए बहुत जरूरी है कि वर्तमान सरकार 2015 में पूर्व की रघुवर सरकार द्वारा पारित संकल्प(संकल्प संख्या 8598/29.09.2015 कार्मिक,प्रशासनिक तथा राजभाषा विभाग) को अविलंब रद्द करे. ताकि राज्य के आदिवासी-दलित और पिछड़े समाज के लोगों को इस बात की शांति और सुकून दिलाये कि उनका आरक्षण का अधिकार सुरक्षित है.झारखंड में लाये गए 2015 के संकल्प के तर्ज पर ही भारत सरकार ला रही थी UPSC के माध्यम से लेटरल एंट्री वाला प्रावधान

पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि झारखंड में पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा पारित संकल्प के तर्ज पर ही 17 अगस्त 2024 को मंत्रालय के उच्च पदों पर आरक्षण की अनदेखी कर UPSC के माध्यम से लैटरल एंट्री का विज्ञापन निकाला था जिसे देश भर में विरोध के बाद मजबूरन वापस लेना पड़ा.

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