रांची: झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री और वर्तमान में विधानसभा में शून्यकाल समिति के सभापति प्रदीप यादव ने बड़ा खुलासा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है. यह पत्र पूर्व की रघुवर दास सरकार द्वारा विभागों में उच्च कुशलता प्राप्त प्रोफेशनल को संविदा पर नियोजित करने के संकल्प से जुड़ा है. प्रदीप यादव ने तब की सरकार के संकल्प संख्या 8598/29.09.2015 (कार्मिक, प्रशासनिक तथा राजभाषा विभाग) को रद्द करने की मांग की है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सरकार द्वारा 2015 में जारी संकल्प की प्रति संलग्न करते हुए लिखे पत्र में प्रदीप यादव ने कहा है कि पूर्ववर्ती सरकार ने 2015 में संवैधानिक व्यवस्था से इतर एक वैकल्पिक रास्ता बनाकर आरक्षण की अनदेखी और कॉरपोरेट घरानों के अनुरूप एवं एक पार्टी के समर्थित विचार रखने वालों को सरकार के उच्च पदों पर अधिकारी बनाकर बिठाने का रास्ता बनाया था. लेकिन उस समय राज्य में इस संकल्प (संकल्प संख्या 8598/29.09.2015 (कार्मिक,प्रशासनिक तथा राजभाषा विभाग) का जबर्दस्त विरोध की वजह से इसे सुषुप्ताअवस्था में छोड़ दिया गया.
पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि झारखंड में पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा पारित संकल्प के तर्ज पर ही 17 अगस्त 2024 को मंत्रालय के उच्च पदों पर आरक्षण की अनदेखी कर UPSC के माध्यम से लैटरल एंट्री का विज्ञापन निकाला था जिसे देश भर में विरोध के बाद मजबूरन वापस लेना पड़ा.
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