रांची: नाला से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रबींद्रनाथ महतो दोबारा विधानसभा अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. सरकार गठन के बाद आहूत विशेष सत्र के पहले दिन सीएम हेमंत सोरेन की ओर से विधानसभा के प्रभारी सचिव के समक्ष उनका नाम प्रस्तावित किया गया. कार्यवाही के पहले दिन माननीयों के शपथ ग्रहण की प्रक्रिया के बीच संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर सर्वसम्मति बनाने की कोशिश करते दिखे. उन्होंने रबींद्रनाथ महतो के नाम पर प्रस्ताव से भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराया. पहले दिन की कार्यवाही संपन्न होने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि रबींद्रनाथ महतो के नाम को प्रस्तावित किया गया है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि सर्वसम्मति से उनका चुनाव होगा. इस दिशा में कोशिश शुरु कर दी गई है.
सदन में दिखी भाषाई विविधता की झलक
विशेष सत्र की कार्यवाही के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर स्टीफन मरांडी ने नवनिर्वाचित सदस्यों को विधायक पद की शपथ दिलायी. विधायक शपथ ग्रहण में सबसे पहले सीएम और उनके मंत्रियों को शपथ दिलायी गई. इस दौरान सदन का नजारा देखते बन रहा था. मंत्री दीपक बिरुआ ने 'हो' भाषा, मंत्री रामदास सोरेन ने संथाली भाषा, मंत्री इरफान अंसारी ने बांग्ला भाषा, मंत्री हफिजुल हसन ने उर्दू, मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने अंगिका भाषा और मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने खोरठा भाषा में शपथ ली. मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने हाथ में संविधान की प्रति लेकर शपथ ग्रहण किया.
षष्टम झारखंड विधानसभा में कुल 20 विधायक ऐसे हैं जो पहली बार चुनाव जीतकर आए हैं. इन सभी का उत्साह देखते बन रहा था. विधायक पद की शपथ लेने के बाद जयराम महतो, पूर्णिमा दास साहू, रागिनी सिंह, मंजू कुमारी, रौशनलाल चौधरी, कुमार उज्ज्वल, शत्रुघ्न महतो, रामसूर्य मुंडा, सुदीप गुड़िया, आलोक सोरेन, धनंजय सोरेन, जगत मांझी, एमटी राजा, सुरेश बैठा, श्वेता सिंह, निशत आलम, नरेश प्रसाद सिंह, निर्मल महतो, चंद्रदेव महतो ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के खेमे में जाकर वरिष्ठ माननीयों का अभिवादन किया. वहीं बाबूलाल मरांडी के बगल में बैठे चंपाई सोरेन अलग अंदाज में दिखे. विधायक पद की शपथ लेने के बाद वह सत्ता पक्ष की ओर नहीं गये.
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