आगरा: विजिलेंस टीम ने शनिवार देर शाम माध्यमिक शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर (जेडी) आरपी शर्मा को तीन लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है. पीड़ित शिक्षक अजयपाल सिंह की फाइल जेडी ने छह माह से रोक रखी थी. पहले पीड़ित शिक्षक को नोटिस देकर कार्यालय बुलाया और फिर बाबू के जरिए रिश्वत की डिमांड, मिठाई का डिब्बा लेकर आने की कहकर की.
पीड़ित शिक्षक अजयपाल सिंह की फर्जी नियुक्ति की शिकायत के मामले में रिपोर्ट लगाने के एवज में 10 लाख रुपए की मांग की थी. विजिलेंस की कार्रवाई से पहले पीड़ित कार्यालय में जेडी से मिला और मिठाई खिलाई थी. इसके बाद विजिलेंस की कार्रवाई हुई. जिस पर सवाल खडे़ हो रहे हैं.
शिक्षक संगठन और कर्मचारियों में इससे आक्रोश है. उनका आरोप है कि जेडी आरपी शर्मा को फंसाया गया है. इसकी निष्पक्ष जांच की जाए. इस बारे में विजिलेंस एसपी शगुन गौतम का कहना है कि रिश्वत की रकम कार में देने की बात हुई थी. कार में ही रिश्वत लेते जेडी को पकड़ा है.
आगरा विजिलेंस एसपी शगुन गौतम ने बताया कि आवास विकास कॉलोनी सेक्टर चार के बीएस टॉवर निवासी शिक्षक अजयपाल सिंह ने शिकायत की थी. जिसमें उसने बताया कि मैं डीसी वैदिक इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक हूं. मेरी फर्जी नियुक्ति की शिकायत की गई थी. जिसकी जांच मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा के पास है. छह माह हो गए. जेडी ने जांच की फाइल रोक रखी है. अब मेरे पक्ष में रिपोर्ट देने की बात कहकर 10 लाख रुपए की मांग की है.
शिकायतकर्ता की शिकायत का सत्यापन करके विजिलेंस टीम ने शनिवार शाम जेडी आरपी शर्मा को रिश्वत की पहली किस्त के तीन लाख रुपए की रकम के साथ रंगे हाथ पकड़ा है. जेडी आरपी शर्मा ने जेडी कार्यालय के गाड़ी में रिश्वत की रकम का बैग लिया था. अब उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके आज मेरठ कोर्ट में पेश किया जाएगा.
पहले सबको खिलाई मिठाई, बाद में कार्रवाई: शिक्षक संघ के नेता और कर्मचरियों का कहना है कि जेडी आरपी शर्मा को फंसाया गया है. शिकायतकर्ता शिक्षक अजयपाल सिंह का शिक्षा विभाग में खूब आना जाना है. शनिवार को भी विजिलेंस की कार्रवाई से पहले शिक्षा विभाग कार्यालय में आया था. वो मिठाई के डिब्बे लेकर कार्यालय आया था. उसने कार्यालय के कर्मचारियों को मिठाई खिलाई थी. इसके बाद जेडी चला गया.
जब जेडी आरपी शर्मा कार्यालय से करीब सवा छह बजे के आसपास बाहर आए तो शिकायतकर्ता अजयपाल सिंह उनकी कार के पास गया. उनके पैर छुए और आशीर्वाद लिया. फिर, उन्हें मिठाई भी खिलाई. तभी विजिलेंस टीम ने उन्हें गाड़ी में पकड़ लिया.
इसको लेकर प्रधानाचार्य परिषद और शिक्षकों ने कार्रवाई पर सवाल खडे़ किए हैं. प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र लवानिया का कहना है कि जेडी आरपी शर्मा को साजिश के तहत फंसाया गया है. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, नहीं तो शिक्षक आंदोलन करेंगे.
फाइल का निपटारा शाम को करते थे जेडी: विजिलेंस टीम के मुताबिक, शिक्षक की शिकायत पर छानबीन की गई, जिसमें पता चला कि जेडी आरपी शर्मा अक्सर अपने कार्यालय में शाम 7 बजे तक बैठते हैं. इस दौरान जिन मामलों की जांच चल रही होती थी, उनसे संबंधित कर्मचारियों को शाम 5 बजे के बाद बुलाया जाता था. रिश्वत के लेनदेन का सौदा किया जाता था.
एसपी विजिलेंस शगुन गौतम ने बताया कि पहले विजिलेंस की एक टीम शनिवार को शिक्षा विभाग के कार्यालय से लौट आई थी. दूसरी बार में टीम को सफलता मिली है. अभी दो अन्य शिक्षकों ने भी दो लाख और 50 हजार की रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं.
जांच में डीआईओएस ने दी थी क्लीनचिट: शिकायतकर्ता शिक्षक अजयपाल सिंह ने बताया कि मेरी फर्जी नियुक्ति की जांच पूर्व में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ने की थी. उन्होंने जांच में मुझे क्लीन चिट दे दी थी. इसके बाद भी मेरी सुनवाई नहीं हो रही थी. जेडी आरपी शर्मा ने फाइल रोक रखी थी. जिसके लिए लगातार शिक्षा विभाग कार्यालय में चक्कर लगा रहा था. जब जेडी आरपी शर्मा से बात की तो उन्होंने स्टेनो और बाबू के जरिए 10 लाख रुपए रिश्वत के बाद फाइल निस्तारित करने की डिमांड की, जिसकी रिकॉर्डिंग करके मैंने विजिलेंस को दी थी.
कार्यालय पर ताला लगाकर भाग गया बाबू: जैसे ही विजिलेंस ने जेडी को रिश्वत की रकम के साथ दबोचा, वैसे ही शिक्षा विभाग कार्यालय में खलबली मच गई. जिस बाबू के पास सहायक शिक्षक अजयपाल सिंह की फाइल थी, वो तब कार्यालय में था. मगर, कार्रवाई की भनक लगते ही कार्यालय में ताला लगाकर भाग गया. करीब एक घंटे बाद बाबू को बुलाकर कार्यालय का ताला खुलवाकर सहायक शिक्षक की जांच से संबंधित फाइलें विजिलेंस ने कब्जे में ली हैं.
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