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अफसरों पर कार्रवाई के बाद इन्हें दी गई जिम्मेदारी, सवालों के घेरे में वन विभाग के ट्रांसफर्स - Almora Forest Fire Incident - ALMORA FOREST FIRE INCIDENT

Almora Forest Fire Incident, बिनसर वन्यजीव अभ्यारण में वनाग्नि की घटना को लेकर तीन आईएफएस अधिकारियों पर कार्यवाही हुई है.चीफ कुमाऊं पीके पात्रो, वन संरक्षक नॉर्थ कोको रोसे और डीएफओ धुर्व मर्तोलिया पर गाज गिरी है. इन अधिकारियों की जगह पर तीन अन्य अधिकारियों को इन पदों का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है.

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अल्मोड़ा फॉरेस्ट फायर हादसा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 14, 2024, 6:12 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में चीफ कंजरवेटर ऑफ़ फारेस्ट कुमाऊं पीके पात्रो को वन मुख्यालय में अटैच किए जाने के बाद अब उनकी जगह कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर धीरज पांडे को सीसीएफ कुमाऊं का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. सीएफ नार्थ पर कोको रोसे की जगह सीएफ वेस्टर्न सर्कल विनय भार्गव को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है. निलंबित किए गए डीएफओ की जगह ACF हेमचंद गहतोड़ी इस जिम्मेदारी को देखेंगे.

उधर दूसरी तरफ इस मामले को लेकर शासन भी सवालों के घेरे में आ गया है. दरअसल पिछले दोनों तबादले को लेकर जो आदेश जारी किए गए थे उसमें CCF वनाग्नि एवं आपदा के पद से निशांत वर्मा को हटाया गया. उन्हें नियोजन की जिम्मेदारी दी गई थी. हैरत की बात यह है कि फॉरेस्ट फायर सीजन के दौरान निशांत वर्मा को इस पद से हटा तो दिया गया लेकिन किसी दूसरे अधिकारी को इस महत्वपूर्ण पद पर जिम्मेदारी नहीं दी गई. ऐसे में अब शासन का वह तबादला आदेश भी सवालों के घेरे में आ गया है.

सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार इतने संवेदनशील समय के दौरान तबादले की प्रक्रिया में इस बात पर विचार क्यों नहीं किया गया? स्थाई रूप से फॉरेस्ट फायर के लिए CCF की तैनाती क्यों नहीं की गई? अल्मोड़ा वनाग्नि में चार वन कर्मियों की जलकर मौत हो गई. इसके बाद से ही सरकार इस मामले में एक्शन लेते हुए बड़ी कार्रवाई का संदेश देना चाहती थी. यही कारण रहा की सरकार ने दो आईएफएस अधिकारियों को निलंबित करने में देरी नहीं की, साथ ही एक सीनियर आईएएस अधिकारी को वन मुख्यालय अटैच कर दिया है.

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उधर दूसरी तरफ इस मामले को लेकर शासन भी सवालों के घेरे में आ गया है. दरअसल पिछले दोनों तबादले को लेकर जो आदेश जारी किए गए थे उसमें CCF वनाग्नि एवं आपदा के पद से निशांत वर्मा को हटाया गया. उन्हें नियोजन की जिम्मेदारी दी गई थी. हैरत की बात यह है कि फॉरेस्ट फायर सीजन के दौरान निशांत वर्मा को इस पद से हटा तो दिया गया लेकिन किसी दूसरे अधिकारी को इस महत्वपूर्ण पद पर जिम्मेदारी नहीं दी गई. ऐसे में अब शासन का वह तबादला आदेश भी सवालों के घेरे में आ गया है.

सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार इतने संवेदनशील समय के दौरान तबादले की प्रक्रिया में इस बात पर विचार क्यों नहीं किया गया? स्थाई रूप से फॉरेस्ट फायर के लिए CCF की तैनाती क्यों नहीं की गई? अल्मोड़ा वनाग्नि में चार वन कर्मियों की जलकर मौत हो गई. इसके बाद से ही सरकार इस मामले में एक्शन लेते हुए बड़ी कार्रवाई का संदेश देना चाहती थी. यही कारण रहा की सरकार ने दो आईएफएस अधिकारियों को निलंबित करने में देरी नहीं की, साथ ही एक सीनियर आईएएस अधिकारी को वन मुख्यालय अटैच कर दिया है.

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