रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान के दोनों चरण समाप्त हो चुके हैं, वहीं अब सबकी निगाहें 23 नवंबर को होने वाली मतगणना और उसके नतीजों पर टिकी हैं. चुनाव के दौरान कई नेता बागी हुए, जिनपर उनकी पार्टियों ने उनके खिलाफ कार्रवाई भी की. लेकिन राजद की ओर से अपने बागियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं. राजद की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने भी इसे लेकर सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस ने सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल द्वारा किसी भी बागी के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं किए जाने को गलत बताया. उन्होंने कहा कि हमने बागियों के खिलाफ कार्रवाई की लेकिन सहयोगी राजद ने ऐसा नहीं किया.
राजद के नेता ही दे सकते हैं जवाब- कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा कि हमने कई दिनों पहले ही सभी बागियों के खिलाफ कार्रवाई की थी क्योंकि इंडिया गठबंधन की मजबूती के लिए यह बहुत जरूरी था. अब अगर राजद ने कोई कार्रवाई नहीं की है तो इसका जवाब राजद के नेताओं को देना चाहिए. राजद ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कमेटी सचिव और विधानसभा चुनाव में सहयोगी दलों के खिलाफ बागी होकर चुनाव लड़ने वालों या पार्टी या महागठबंधन के उम्मीदवारों के प्रतिद्वंद्वियों की मदद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की, इसका जवाब राजद के नेता ही दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन इसका चुनाव नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
होगी कार्रवाई- रामकुमार यादव
विधानसभा चुनाव में बागियों पर अब तक कार्रवाई नहीं होने के मुद्दे पर राजद के प्रदेश सचिव रामकुमार यादव ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के निर्देश के खिलाफ काम करने वाले सभी बागी नेताओं पर कार्रवाई होना तय है. उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के रांची आने के बाद बागियों पर कार्रवाई की सूची जारी कर दी जाएगी.
इन बागियों के खिलाफ राजद ने नहीं की कार्रवाई
रानी कुमारी : झारखंड महिला राजद की प्रदेश अध्यक्ष रहीं रानी कुमारी ने पार्टी स्टैंड के खिलाफ जाकर रांची विधानसभा सीट से इंडिया ब्लॉक की प्रत्याशी महुआ माजी के खिलाफ चुनाव लड़ा. उन्होंने खुद पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया, लेकिन अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है.
सूरज सिंह: गढ़वा में राजद जिला अध्यक्ष सूरज सिंह ने इस बार विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे अपने चाचा गिरिनाथ सिंह का खुलकर समर्थन किया.
सुरेश राम: झारखंड मुक्ति मोर्चा के आधिकारिक उम्मीदवार बैद्यनाथ राम के खिलाफ इंडिया ब्लॉक की ओर से लातेहार से चुनाव लड़ने वाले सुरेश राम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
रघुपाल सिंह: राजद की झारखंड प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रहे रघुपाल सिंह ने पार्टी से बगावत कर मनिका से चुनाव लड़ा, लेकिन राजद नेतृत्व ने उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की.
राजेश रोशन: वरिष्ठ नेता जोरावर राम के रिश्तेदार राजेश रोशन ने भी पार्टी के फैसले के खिलाफ छतरपुर से चुनाव लड़ा, लेकिन उनके खिलाफ भी कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई.
ममता भुइयां: पलामू लोकसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवार रहीं प्रदेश उपाध्यक्ष ममता भुइयां ने भी इस बार बगावत कर सपा के टिकट पर छतरपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन पार्टी ने उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की.
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