जयपुर : राजस्थान विश्वविद्यालय में गांधी जयंती के अवकाश को निरस्त करने का मामला विश्वविद्यालय से होता हुआ राजनीतिक गलियारों तक पहुंच चुका है. इस पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सवाल उठाते हुए कहा कि गोडसे के पदचिह्नों पर चलने वाले क्या कभी गांधी के हो सकते हैं.
राजस्थान यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े संघटक कॉलेजों में गांधी जयंती की छुट्टी को निरस्त किया गया है. राजभवन से जारी गाइडलाइन के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पूर्व में निर्धारित अवकाश को निरस्त कर दिया. राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलसचिव अवधेश सिंह ने बताया कि राजभवन से पत्र मिला था, जिसकी पालन में महात्मा गांधी की जयंती के अवकाश को निरस्त करते हुए संशोधित कैलेंडर जारी किया गया है.
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गोडसे के पदचिन्हों पर चलने वाले क्या कभी गांधी के हो सकते हैं?
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) October 2, 2024
ये सवाल इसलिए.. क्योंकि गांधी जी के लिए संघ की शाखाओं से निकली नफ़रत किसी न किसी रूप में भाजपा सरकारों के निर्णयों में बाहर आ ही जाती है।
पहले गांधी वाटिका का विरोध, फिर गांधी म्यूजियम को जनता के लिए खोलने पर रोक… pic.twitter.com/2fqMiW9VY4
हालांकि, इस पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि 'गोडसे के पदचिह्नों पर चलने वाले क्या कभी गांधी के हो सकते हैं? ये सवाल इसलिए... क्योंकि गांधी जी के लिए संघ की शाखाओं से निकली नफरत किसी न किसी रूप में भाजपा सरकारों के निर्णयों में बाहर आ ही जाती है. पहले गांधी वाटिका का विरोध, फिर गांधी म्यूजियम को जनता के लिए खोलने पर रोक और अब गांधी जयंती पर राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा अवकाश निरस्त करना बापू के प्रति भाजपा की नफरत एवं अपमान को जगजाहिर कर रहा है.
भाजपा का षड्यंत्र कभी कामयाब नहीं होगा, क्योंकि गांधी इस देश के कण-कण में हैं. इससे पहले छात्र संगठन एनएसयूआई ने भी गांधी जयंती की छुट्टी निरस्त करने पर सवाल उठाए थे. उन्होंने इस फैसले को बीजेपी सरकार की वैचारिक मानसिकता दर्शाने वाला कृत्य बताते हुए इसका विरोध करने की बात कही थी.