रांची: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि के वितरण के नाम पर बच्चों की पढ़ाई को बाधित कराना समझ से परे है. आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कार्यक्रम के नाम पर स्कूल बसों को जब्त किए जाने पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि घर के बच्चे जब स्कूल नहीं गए तो उन्होंने छुट्टी का कारण पूछा. जवाब मिला कि स्कूल की गाड़ियां ले ली गई हैं.
ये तो हद है. ऑनलाइन योजना चलाने के लिए शानदार सिस्टम आ गए हैं. मुख्यमंत्री चाहते तो घर बैठे एक बटन दबाकर राशि ट्रांसफर कर सकते थे. लाभुकों के खाते में पैसे पहुंच जाते. लेकिन बच्चों की पढ़ाई को बाधित करके कार्यक्रम के नाम पर जो तरीका अपनाया गया है, वह कहीं से भी उचित नहीं है.
दरअसल, मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत 21 से 50 वर्ष की महिलाओं को हर माह 1000 रु देना है. राशि को लाभुकों के बैंक खाते में डीबीटी के जरिए ट्रांसफर करना है. इसके लिए प्रमंडल स्तर पर कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. 4 सितंबर को दक्षिणी छोटानागपुर के पांच जिलों के लिए रांची के नामकुम स्थित खोजाटोली मैदान में कार्यक्रम का आयोजन हुआ है.
कार्यक्रम स्थल तक लाभुकों को लाने के लिए बड़े वाहनों की जरूरत थी. लिहाजा, रांची के डीटीओ ने पत्र जारी कर सभी निजी स्कूलों और बस संचालकों से बसों की मांग कर दी. रांची के डीटीओ के पत्र के मुताबिक सिर्फ रांची जिला के अलग-अलग प्रखंडों से लाभुकों को लाने के लिए 2000 बड़े वाहनों की जरूरत है.
लिहाजा, रांची के ज्यादातर बड़े निजी स्कूलों को बंद करना पड़ा. प्रबंधन के पास कोई ऑप्शन ही नहीं बचा था. 3 सितंबर को अभिभावकों को मैसेज आया कि 4 सितंबर को स्कूल बंद रहेगा. खास बात है कि इस कार्यक्रम की वजह से ट्रैफिक रूट में भी परिवर्तन किया गया है. इस वजह से कई किंडरगार्टेन (जहां नन्हें बच्चे पढ़ते हैं) स्कूलों के प्रबंधन ने 4 सितंबर की सुबह अभिभावकों को मैसेज भेजकर बता दिया कि आज स्कूल बंद रहेगा. वैसे विपक्षी दल बार-बार कह रहे हैं कि विधानसभा चुनाव सिर पर है. इसलिए लोगों को गुमराह करने के लिए राज्य सरकार ऐसा कर रही है.
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