वाराणसी : डिजिटल हो रहे इस दौर में चीजों को डिजिटल तरीके से ऑपरेट करने के लिए बहुत से प्रयास हो रहे हैं. इन प्रयासों के समय से पूरा न होने से निश्चित तौर पर पब्लिक को अभी भी ऑफिसो के चक्कर काटने पड़ते हैं. ऐसा ही हाल वाराणसी नगर निगम की एक ऐसी योजना का है जो शुरू तो हुई लेकिन, अब तक धीमी रफ्तार से एक तिहाई काम भी आगे नहीं बढ़ा है.
बनारस में पब्लिक को डिजिटल तरीके से हाउस टैक्स, वॉटर टैक्स और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के पेमेंट करने के लिए हर घर पर बारकोड लगाए जाने के नगर निगम के प्लान ने लोगों को मायूस कर दिया है. हालत यह है कि लगभग 2 लाख 15000 घरों में इस योजना को क्रियान्वित किया जाना था, लेकिन अभी तक सिर्फ 55000 घर ही इससे कनेक्ट हो पाए हैं. लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा घर अब तक इस योजना के पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं.
दरअसल, वाराणसी नगर निगम ने सीएसआर फंड के जरिए एक प्राइवेट कंपनी के साथ मिलकर वाराणसी के रजिस्टर्ड 2 लाख 15 हजार घरों में क्यूआर कोड लगाया जाने का फैसला किया था. इस क्यूकोड में एक बार में चार तरह की सेवाओं को शामिल किया गया था. मई के महीने में इस प्लान को इंप्लीमेंट करते हुए वाराणसी के भेलूपुर जोन से इसकी शुरुआत की गई थी.
नगर निगम वाराणसी की तरफ से ऑनलाइन पेमेंट सुविधा को इंक्रीज करने के साथ भवनों में क्यूआर कोड लगाने की शुरुआत नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने की थी. इस क्यूआर कोड के माध्यम से कोई भी भवन स्वामी अपने भवन का गृहकर, जलकर, सीवर कर घर बैठें यूपीआई के माध्यम से जमा कर सकते हैं. आने वाले दिनों में घर घर से कूड़ा उठाने की भी मॉनिटरिंग इस क्यूआर कोड से की जाएगी.
इस बारे में नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव का कहना है कि नगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक वाराणसी में 215685 रजिस्टर्ड भवन हैं. जिन्हें मकान नंबर अलॉट किया गया है. इन रजिस्टर्ड भवनों में क्यूआर कोड लगाये जाने का कार्य किया जाना है. इसमें अलग-अलग 5 जोन जिनमें भेलूपुर, दशाश्वमेध, कोतवाली आदमपुर और वरुणापार के भवन शामिल हैं. अब तक हमारे पास 106824 कर कोड उपलब्ध हुए हैं. जिनमें, से 54822 घरों पर यह क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जबकि लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा भवनों पर अभी भी क्यूआर कोड लगाया जाना बाकी है.
यह योजना बेहद लाभकारी है. अभी रफ्तार थोड़ी धीमी है, लेकिन इसको तेज करने की कोशिश की जा रही है. इन बारकोडस के लगने का सबसे बड़ा फायदा पब्लिक को मिलेगा. उन्हें बेवजह इधर-उधर जाकर अपने बिलों का भुगतान नहीं करना होगा. एक जगह पर बैठकर ही नगर निगम से जुड़े सारे काम सिर्फ एक स्केनर के जरिए स्कैन करने के बाद किये जा सकेंगे.
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