शिमला: हिमाचल में मानसून ने दस्तक दे दी है. ऐसे में भारी बरसात से आने वाली प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है.
पिछली बरसात से सबक लेते हुए विभाग ने अभी डिविजनों के तहत विभिन्न स्थानों पर 344 छोटी बड़ी मशीनें तैनात कर दी हैं. ये जानकारी पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान दी. उन्होंने कहा विभाग बरसात के मौसम के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
इसके लिए सभी डिविजनों के तहत विभिन्न स्थानों पर 206 जेसीबी, 110 बुल्डोज़र, 28 रोबो मशीन, 17 बेली ब्रिज और 13,000 श्रमशक्ति को तैनात किया गया है ताकि तुरंत प्रभाव से किसी भी आपात स्थिति से बाहर निकला जा सके.
इसके अतिरिक्त जरूरत पड़ने पर अधिकारियों को और अधिक श्रमशक्ति व मशीनरी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश जारी किए गए.
निर्माण कार्यों की समीक्षा:
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने रविवार को विभाग के अधिकारियों की बैठक ली जिसमें प्रदेशभर में निर्माणाधीन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबंधित अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों आदि भवनों के निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई. उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को 75 फीसदी तक निर्माणाधीन परियोजनाओं का कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 75 प्रतिशत या उससे अधिक पूरे हो चुके निर्माणाधीन कार्यों के लिए उचित निधि सुनिश्चित करने को कहा है ताकि ऐसे सभी कार्यों को तय समय में पूरा कर जल्द जनता को समर्पित किया जाए. उन्होंने हर विधानसभा क्षेत्र में प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न विभागों की परियोजनाओं की सूची तैयार करने के भी निर्देश दिए.
गुणवत्ता में सुधार को लेकर सरकार सख्त:
लोक निर्माण मंत्री ने कहा सड़कों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. इसके लिए लापरवाह ठेकेदारों के खिलाफ सख्ती बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की तरह ही दो कार्यों में लापरवाही पाए जाने पर भविष्य में उन्हें कार्यप्रणाली में सुधार न लाए जाने तक नए कार्य आवंटित नहीं किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं.
गुणवत्तापूर्ण और तय समय में कार्य करने वाले ठेकेदारों को प्राथमिकता के आधार पर नई निर्माण परियोजना का कार्य देने के निर्देश दिए गए हैं. परियोजनाओं की लागत वृद्धि को बढ़ने से रोकने के लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान होने पर ही निर्माण कार्य शुरू किया जाना चाहिए.
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