धौलपुर. जिले के पीडब्ल्यूडी विभाग एवं एक ठेकेदार द्वारा सांठगांठ कर करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है. ठेकेदार करीब 14 सड़कें फाइल और दस्तावेजों में बना कर करोड़ों के बिल का भुगतान भी कर लिया है. एक शिकायतकर्ता को मामले की भनक लग गई. वीडियो एवं फोटो संलग्न कर शिकायत मुख्यमंत्री एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्योरो को की. मामले में मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेकर विजिलेंस की टीम को जांच करने के लिए भेजा. पीडब्ल्यूडी विभाग से विजिलेंस की टीम रिकॉर्ड को खंगाल रही है. पीडब्ल्यूडी विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, ठेकेदारी भी आनन-फानन में कुछ सड़कों को रात्रि में बनवाने की कोशिश कर रहा है.
शिकायतकर्ता ने जिन सड़कों के निर्माण नहीं हुए हैं, उनके फोटो और वीडियो भी शिकायत में संलग्न कर मुख्यमंत्री और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भेजे हैं. शिकायतकर्ता की शिकायत पर धौलपुर पहुंची विजिलेंस की टीम ने ग्राम हिनौदा से पुरानी छावनी की सड़क, लुहारी से तौर सड़क, ओदी से भोजपुर हीरा भूमिया, जाखी से माफल का पुरा सड़क, विश्नोदा से मिल्कन लिंक रोड, पथेना से गुर्जा और कारीमपुर के पुरा से जीएसएस कारीमपुर की सडकों की जांच की है.
टीम ने दो दिन में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज खंगाल कर अपने कब्जे में ली है. विजिलेंस टीम इस समय धौलपुर में ही रुकी हुई है और शनिवार को अन्य सड़क मार्गों की जांच करेगी. टीम को लेकर शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी विभाग में भी खासी चर्चा रही और एक्सईएन बात करने से कतराते रहे. जबकि अधीक्षण अभियंता ने बताया कि सड़कों की शिकायत को लेकर टीम जांच करने जयपुर से धौलपुर आई है और टीम सड़कों के संबंधित रिकॉर्ड और सड़कों की जांच कर रही है.
जांच टीम पहुंचते ही ठेकेदार डाल रहा सड़कें : विजिलेंस की टीम धौलपुर पहुंचते ही सार्वजनिक निर्माण विभाग में हड़कंप मच गया. वहीं, संबंधित ठेकेदार द्वारा दिन-रात एक कर सड़कों की लीपापोती की जा रही है. घटिया एवं निम्न स्तर की सामग्री का उपयोग कर ठेकेदार रात्रि के समय सड़कों का निर्माण करवा रहा है, लेकिन विजिलेंस की टीम द्वारा नवीन बनाई गई सड़कों के नमूने भी लिए जा रहे हैं, जिनकी लैब में गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी.
पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी साध रहे चुप्पी : विजिलेंस की टीम पहुंचने पर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. धौलपुर सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता राजवीर सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर सार्वजनिक निर्माण विभाग जयपुर की सतर्कता टीम आई हुई है और पूरे मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.