पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में पुलिस की लापरवाही ने एक परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया. मोटरसाइकिल दुर्घटना में एक युवक की मौत हो गई थी, लेकिन पुलिस ने बिना पहचान किए शव को लावारिस मानकर दाह संस्कार कर दिया. मृतक युवक पास के ही थाना क्षेत्र का रहने वाला था, लेकिन पुलिस ने शिनाख्त की कोशिश तक नहीं की. चार दिन बाद पुलिस ने ही मोटरसाइकिल के नंबर से युवक के परिवार का पता लगाया गया और फोन कर घटना की जानकारी दी. दुखी परिजनों ने मजबूर होकर बेटे का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार किया.
क्या है मामलाः मृतक की पहचान, सहायक खजांची थाना क्षेत्र के रेडियो स्टेशन चौक स्थित नवरतन हटा निवासी नवीन कुमार रजक के रूप में की गयी. बीते 13 अक्टूबर को सदर थाना क्षेत्र के बेलौरी में दुर्गा पूजा का मेला देखने आया था. इसी दौरान ट्रैक्टर के ठोकर से वह गंभीर रूप से घायल हो गया. सूचना के बाद सदर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. घायल को इलाज के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया. जहां आधे घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया. पुलिस ने शव का पहचान कराये बिना अंतिम संस्कार कर दिया.
कैसे हुआ खुलासाः बेलौरी में सड़क हादसे के बाद पुलिस ने युवक की बाइक और ट्रैक्टर को जब्त कर थाना लेते लाई थी. चार दिन बाद पुलिस ने मोटरसाइकिल पर अंकित नंबर को सर्च कर एड्रेस निकाला. उसके बाद सदर थाना की पुलिस ने युवक के परिजन के पास फोन किया. घर वाले थाना पहुंचे तो उन्हें पता चला कि चार दिन पहले ही लाश को पुलिस द्वारा लावारिस समझकर पोस्टमार्टम कराने के बाद डिस्पोज कर दिया गया. जबकि पति के लापता हो जाने के बाद शर्मिला देवी ने गुमशुदगी का आवेदन सहायक खजांची थाना में दिया था.
"मामले की जानकारी मिली है. मृतक के पास से कोई पहचान पत्र नहीं मिलने के कारण पुलिस ने लावारिस मानकर अंतिम संस्कार कर दिया. मोटरसाइकिल किसी और के नाम पर थी, जो चला रहा था वो दूसरा व्यक्ति था. मोटरसाइकिल के ऑनर को फोन किया गया था. लेकिन, शव का शिनाख्त करने कोई नहीं आया. जांच की जा रही है."- कार्तिकेय शर्मा, SP
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