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ब्रेन हेमरेज से पिता की मौत के बाद टूट चुकी थी निकिता, BPSC में मिला 18वां रैंक - BPSC EXAM

पूर्णिया की निकिता को बीपीएससी परीक्षा में 18वां रैंक आया. पिता का साया सिर से उठने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.

Nikita Mishra got 18th rank
निकिता को बीपीएससी परीक्षा में 18वां रैंक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 16, 2024, 7:51 PM IST

पूर्णिया: कहते हैं अगर हौसला बुलंद हो तो हर कामयाबी कदम चूमती है. पूर्णिया की निकिता मिश्रा ने इसे साकार कर दिखाया है. पिता के निधन के बाद आर्थिक और मानसिक रूप से टूट चुकी निकिता और उनके परिवार ने हौसले की बदौलत जीवन में उन्हें ये कामयाबी मिली है.

पूर्णिया की निकिता को बीपीएससी में सफलता: निकिता का चयन बीपीएससी द्वारा आयोजित सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण में पद के लिए हुआ है. इसको लेकर निकिता के परिजनों और पूर्णियावासियो में काफी खुशी है. निकिता कहती है कि 2020 में उनके पिता जनार्दन मिश्रा की ब्रेन हेमरेज के कारण मौत हो गयी थी.

"3 वर्षों तक पिता बेड पर थे और उनकी बीमारी के इलाज के पीछे घर की सारी पूंजी लग चुकी थी. उसके बावजूद भी पिता बच नहीं पाए."- निकिता मिश्रा, बीपीएससी में सफल अभ्यर्थी

कृषि विभाग में मिली नौकरी: निकिता बचपन से पढ़ने में काफी तेज थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद निकिता ने संघर्ष नहीं छोड़ा और कड़ी मेहनत की. उनकी कड़ी मेहनत ही है, जिसकी बदौलत उन्हें कृषि विभाग में नौकरी लगी.

मां ने कही ये बात: फिलहाल निकिता केवीके अररिया में सहायक वैज्ञानिक पद पर कार्यरत हैं. वहीं निकिता की मां लाखो देवी का कहना है कि निकिता बचपन से काफी मेहनती थी. फिलहाल निकिता की सफलता से उनके घर में खुशी का माहौल है. सभी एक-दूसरे का मुंह मीठा करा रहे हैं.

"मेहनती होने के कारण निकिता को यह सफलता हाथ लगी है. उनके पिता कहते थे कि मेरी बेटी एक दिन जरूर कामयाबी हासिल करेगी. निकिता ने पिता के सपने को साकार कर दिखाया है."- लाखो देवी, निकिता की मां

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पूर्णिया: कहते हैं अगर हौसला बुलंद हो तो हर कामयाबी कदम चूमती है. पूर्णिया की निकिता मिश्रा ने इसे साकार कर दिखाया है. पिता के निधन के बाद आर्थिक और मानसिक रूप से टूट चुकी निकिता और उनके परिवार ने हौसले की बदौलत जीवन में उन्हें ये कामयाबी मिली है.

पूर्णिया की निकिता को बीपीएससी में सफलता: निकिता का चयन बीपीएससी द्वारा आयोजित सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण में पद के लिए हुआ है. इसको लेकर निकिता के परिजनों और पूर्णियावासियो में काफी खुशी है. निकिता कहती है कि 2020 में उनके पिता जनार्दन मिश्रा की ब्रेन हेमरेज के कारण मौत हो गयी थी.

"3 वर्षों तक पिता बेड पर थे और उनकी बीमारी के इलाज के पीछे घर की सारी पूंजी लग चुकी थी. उसके बावजूद भी पिता बच नहीं पाए."- निकिता मिश्रा, बीपीएससी में सफल अभ्यर्थी

कृषि विभाग में मिली नौकरी: निकिता बचपन से पढ़ने में काफी तेज थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद निकिता ने संघर्ष नहीं छोड़ा और कड़ी मेहनत की. उनकी कड़ी मेहनत ही है, जिसकी बदौलत उन्हें कृषि विभाग में नौकरी लगी.

मां ने कही ये बात: फिलहाल निकिता केवीके अररिया में सहायक वैज्ञानिक पद पर कार्यरत हैं. वहीं निकिता की मां लाखो देवी का कहना है कि निकिता बचपन से काफी मेहनती थी. फिलहाल निकिता की सफलता से उनके घर में खुशी का माहौल है. सभी एक-दूसरे का मुंह मीठा करा रहे हैं.

"मेहनती होने के कारण निकिता को यह सफलता हाथ लगी है. उनके पिता कहते थे कि मेरी बेटी एक दिन जरूर कामयाबी हासिल करेगी. निकिता ने पिता के सपने को साकार कर दिखाया है."- लाखो देवी, निकिता की मां

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