पलामूः पीटीआर के बेतला नेशनल पार्क के इलाके में बाघ देखने वाले पर्यटकों को सम्मानित किया जाएगा. पिछले एक महीने के अंदर दो मौके पर बाहर के पर्यटकों ने बेतला में बाघ को देखा है और उसकी तस्वीर अपने कमरे में कैद की है. जनवरी के पहले सप्ताह में बंगाल के पर्यटक, जबकि जनवरी के अंतिम सप्ताह में दिल्ली के पर्यटक ने बेतला नेशनल पार्क के इलाके में बाघ को देखा है. पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बाघ देखने वाले पर्यटकों का बयान लिया है. पर्यटकों ने भी अधिकारियों से अपने अनुभव साझा किया है. बेतला नेशनल पार्क इलाके में बाघ देखे जाने के बाद लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है.
प्रत्येक साल हजारों पर्यटक पहुंचते हैं बेतला नेशनल पार्कः बताते चलें कि बेतला नेशनल पार्क में प्रत्येक साल 40 से 45 हजार पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन दिसंबर और जनवरी के महीने में 16 हजार से अधिक पर्यटक पहुंचे हैं. आम तौर पर इस दौरान पर्यटकों की संख्या 10 से 12 हजार हुआ करती थी. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में हाल के दिनों में सबसे अधिक पश्चिम बंगाल के पर्यटक पहुंचे हैं. वहीं ओडिशा, बिहार और छत्तीसगढ़ से भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं.
बाघ देखने वाले पर्यटकों को किया जाएगा सम्मानितः इस संबंध में पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. पीटीआर के इलाके में लगातार बाघ देखे जा रहे हैं. बाघ देखने वाले पर्यटकों से उनके अनुभव पूछे गए हैं. आने वाले वक्त में बाघ देखने वाले पर्यटकों को सम्मानित करने की योजना तैयार की गई है.
पर्यटकों की लिए बढ़ाई गई सुविधा, कई ट्री हाउस बनकर तैयार, सफारी की हुई है शुरुआतः पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में पर्यटकों के लिए सुविधा बढ़ाई गई हैं. हाल के दिनों में बेतला नेशनल पार्क समेत कई इलाकों में कई ट्री हाउस और गेस्ट हाउस तैयार किए गए हैं. बेतला नेशनल पार्क इलाके में सफारी की भी शुरुआत की गई है.
बेतला नेशनल पार्क पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर है. नजदीकी रेलवे स्टेशन बरवाडीह बेतला पार्क से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि डालटनगंज 25 किलोमीटर की दूरी पर है. कोविड काल से पहले बेतला नेशनल पार्क के इलाके में प्रतिवर्ष 35 से 38 हजार पर्यटक पहुंचते थे. हालांकि कोविड काल के बाद बेतला नेशनल पार्क के इलाके में विदेशी पर्यटक नहीं पहुंचे हैं.
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