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उत्तराखंड के 436 इलाकों में पेयजल संकट, चारधाम यात्रा में पानी उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती, जानिए जल संस्थान का प्लान - Uttarakhand drinking water problem

Drinking water problem increases in Uttarakhand with summer वैसे तो उत्तराखंड में पेयजल संकट कोई नई बात नहीं है. लेकिन इस बार लगी भीषण वनाग्नि और वर्षा नहीं होने से ये संकट ज्यादा गहराने लगा है. जल संस्थान के पास संसाधनों का टोटा जल संकट को और बढ़ा रहा है. राज्य के लोगों को पेयजल मुहैया कराने के साथ ही चारधाम यात्रियों के लिए पानी की व्यवस्था करना, जल संस्थान के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. इस रिपोर्ट में पढ़िए जल संस्थान जल संकट से निपटने के लिए क्या उपाय कर रहा है.

Drinking water problem
उत्तराखंड पेयजल समस्या (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 6, 2024, 11:19 AM IST

Updated : May 6, 2024, 3:56 PM IST

उत्तराखंड के 436 इलाकों में पेयजल संकट (ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड में तापमान बढ़ने के साथ पेयजल संकट का खतरा भी बढ़ने लगा है. न केवल नगरीय क्षेत्र बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी पीने के पानी की उपलब्धता मुश्किल में पड़ती दिखाई दे रही है. कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां टैंकरों से पानी मंगाकर लोग गर्मियों में प्यास बुझाने को मजबूर हो रहे हैं. उधर चारधाम यात्रा नजदीक है, लिहाजा पेयजल की समस्या को चारधाम मार्गों पर दूर करना भी एक बड़ी चुनौती बनता हुआ दिखाई दे रहा है.

Drinking water problem in Uttarakhand
पेयजल समस्या बढ़ा सकती है लोगों की टेंशन (ईटीवी भारत)

गर्मी के साथ बढ़ी पानी की समस्या: उत्तराखंड में गर्मियों का सीजन हमेशा पेयजल संकट को लेकर परेशानी भरा दिखाई देता है. इस साल मई महीने की शुरुआत में ही तापमान अपने उच्चतम स्थान पर पहुंचने के कारण दिक्कत ज्यादा बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. राज्य में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां हर साल पानी की किल्लत देखने को मिलती है. ऐसे क्षेत्र इस साल भी जल संस्थान के लिए चिंता भरे बने हुए हैं. उधर इस वक्त राज्य सरकार का ध्यान चारधाम यात्रा पर भी है.

Drinking water problem in Uttarakhand
शहर क्षेत्रों में विकराल हो सकती है समस्या (ईटीवी भारत)

चारधाम यात्रा मार्ग पर पेयजल व्यवस्था: चारधाम मार्गों पर पेयजल की किल्लत न हो, इसके लिए अलग से कार्य योजना तैयार करनी पड़ रही है. राज्य के न केवल नगरीय क्षेत्र बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे बड़ी संख्या में इलाके मौजूद हैं, जहां पानी की मारामारी देखने को मिलती है. आंकड़ों से समझिए कि उत्तराखंड में संभावित पानी की समस्या को लेकर कितने क्षेत्र में दिक्कतें हैं.

Drinking water problem in Uttarakhand
गर्मी बढ़ने से बढ़ी पेयजल समस्या (ईटीवी भारत)

पेयजल संकट का आंकड़ा

  • उत्तराखंड में नगरीय क्षेत्र 198 हैं, जहां पानी की समस्या आने वाले दिनों में संभावित है
  • इसी तरह कुल 238 ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल बड़ी समस्या बनता दिख रहा है
  • इस तरह उत्तराखंड में 436 इलाके पेयजल की समस्या के लिए परेशानी में दिखाई देते हैं
  • उत्तराखंड जल संस्थान की तरफ से 142 किराए के टैंकरों की जरूरत बताई गई है
  • विभाग के पास अभी केवल 69 विभागीय टैंकर मौजूद हैं
  • पेयजल संकट को लेकर उत्तराखंड जल संस्थान 5 करोड़ से ज्यादा के बजट की जरूरत महसूस कर रहा है
    Drinking water problem in Uttarakhand
    जल संस्थान ने टैंकरों की बताई जरूरत (ईटीवी भारत)

उत्तराखंड के 436 इलाकों में पेयजल संकट: प्रदेश के 436 इलाके ऐसे हैं, जहां पानी का संकट उत्तराखंड जल संस्थान की नजर में संभावित है. जबकि ऐसे दूसरे कई और क्षेत्र भी हैं, जहां गांड गदेरे सूखने की कगार पर हैं और यहां भी पेयजल एक बड़ी समस्या बन रहा है. उधर पहले ही वैज्ञानिक ये बात साफ करते रहे हैं कि अंडरग्राउंड वाटर धीरे-धीरे कम हो रहा है. जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में भी पानी के तमाम सोर्स सूख रहे हैं. इस तरह देखा जाए तो राज्य में पेयजल की समस्या एक गंभीर चिंता के रूप में सामने आई हुई दिखाई दे रही है. हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मामले में विभाग की समीक्षा बैठक कर चुके हैं, जिसमें राज्य में मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर की जा चुकी है. उत्तराखंड जल संस्थान की मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग कहती हैं कि गर्मी में पेयजल की समस्या को देखते हुए जल संस्थान की तरफ से सभी संभावित पेयजल संकट वाले क्षेत्रों का चिन्हीकरण किया जा चुका है. इसके लिए तमाम दूसरी व्यवस्थाएं भी बनाई जा रही हैं.

ये है जल संस्थान की तैयारी: उधर दूसरी तरफ सरकार की दूसरी बड़ी चिंता चारधाम यात्रा भी है. जहां न केवल श्रद्धालुओं को पेयजल के संकट से दूर रखने की चुनौती है, बल्कि आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी पेयजल की उपलब्धता करना जरूरी है. उसके लिए उत्तराखंड जल संस्थान ने चारधाम मार्ग में 199 टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट, 371 पिलर टाइप स्टैंड पोस्ट, 1066 हैंडपंप और 62 चरही लगाए हैं. इसके अलावा यात्रा मार्गों पर 47 वाटर प्यूरीफायर और 39 वाटर एटीएम भी स्थापित किए गए हैं. जल संस्थान का दावा है कि पेयजल की व्यवस्था बनाने के लिए 20 टैंकर भी लगाए गए हैं और बाकी किराए के 74 टैंकर भी चिन्हित किए गए हैं. इस तरह चारधाम यात्रा पर भी उत्तराखंड जल संस्थान का पूरा फोकस है. तमाम समीक्षा बैठकों में पेयजल संकट से बचने के लिए विभिन्न उपायों पर काम करने की बात भी कहीं जा रही है.
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उत्तराखंड के 436 इलाकों में पेयजल संकट (ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड में तापमान बढ़ने के साथ पेयजल संकट का खतरा भी बढ़ने लगा है. न केवल नगरीय क्षेत्र बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी पीने के पानी की उपलब्धता मुश्किल में पड़ती दिखाई दे रही है. कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां टैंकरों से पानी मंगाकर लोग गर्मियों में प्यास बुझाने को मजबूर हो रहे हैं. उधर चारधाम यात्रा नजदीक है, लिहाजा पेयजल की समस्या को चारधाम मार्गों पर दूर करना भी एक बड़ी चुनौती बनता हुआ दिखाई दे रहा है.

Drinking water problem in Uttarakhand
पेयजल समस्या बढ़ा सकती है लोगों की टेंशन (ईटीवी भारत)

गर्मी के साथ बढ़ी पानी की समस्या: उत्तराखंड में गर्मियों का सीजन हमेशा पेयजल संकट को लेकर परेशानी भरा दिखाई देता है. इस साल मई महीने की शुरुआत में ही तापमान अपने उच्चतम स्थान पर पहुंचने के कारण दिक्कत ज्यादा बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. राज्य में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां हर साल पानी की किल्लत देखने को मिलती है. ऐसे क्षेत्र इस साल भी जल संस्थान के लिए चिंता भरे बने हुए हैं. उधर इस वक्त राज्य सरकार का ध्यान चारधाम यात्रा पर भी है.

Drinking water problem in Uttarakhand
शहर क्षेत्रों में विकराल हो सकती है समस्या (ईटीवी भारत)

चारधाम यात्रा मार्ग पर पेयजल व्यवस्था: चारधाम मार्गों पर पेयजल की किल्लत न हो, इसके लिए अलग से कार्य योजना तैयार करनी पड़ रही है. राज्य के न केवल नगरीय क्षेत्र बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे बड़ी संख्या में इलाके मौजूद हैं, जहां पानी की मारामारी देखने को मिलती है. आंकड़ों से समझिए कि उत्तराखंड में संभावित पानी की समस्या को लेकर कितने क्षेत्र में दिक्कतें हैं.

Drinking water problem in Uttarakhand
गर्मी बढ़ने से बढ़ी पेयजल समस्या (ईटीवी भारत)

पेयजल संकट का आंकड़ा

  • उत्तराखंड में नगरीय क्षेत्र 198 हैं, जहां पानी की समस्या आने वाले दिनों में संभावित है
  • इसी तरह कुल 238 ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल बड़ी समस्या बनता दिख रहा है
  • इस तरह उत्तराखंड में 436 इलाके पेयजल की समस्या के लिए परेशानी में दिखाई देते हैं
  • उत्तराखंड जल संस्थान की तरफ से 142 किराए के टैंकरों की जरूरत बताई गई है
  • विभाग के पास अभी केवल 69 विभागीय टैंकर मौजूद हैं
  • पेयजल संकट को लेकर उत्तराखंड जल संस्थान 5 करोड़ से ज्यादा के बजट की जरूरत महसूस कर रहा है
    Drinking water problem in Uttarakhand
    जल संस्थान ने टैंकरों की बताई जरूरत (ईटीवी भारत)

उत्तराखंड के 436 इलाकों में पेयजल संकट: प्रदेश के 436 इलाके ऐसे हैं, जहां पानी का संकट उत्तराखंड जल संस्थान की नजर में संभावित है. जबकि ऐसे दूसरे कई और क्षेत्र भी हैं, जहां गांड गदेरे सूखने की कगार पर हैं और यहां भी पेयजल एक बड़ी समस्या बन रहा है. उधर पहले ही वैज्ञानिक ये बात साफ करते रहे हैं कि अंडरग्राउंड वाटर धीरे-धीरे कम हो रहा है. जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में भी पानी के तमाम सोर्स सूख रहे हैं. इस तरह देखा जाए तो राज्य में पेयजल की समस्या एक गंभीर चिंता के रूप में सामने आई हुई दिखाई दे रही है. हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मामले में विभाग की समीक्षा बैठक कर चुके हैं, जिसमें राज्य में मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर की जा चुकी है. उत्तराखंड जल संस्थान की मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग कहती हैं कि गर्मी में पेयजल की समस्या को देखते हुए जल संस्थान की तरफ से सभी संभावित पेयजल संकट वाले क्षेत्रों का चिन्हीकरण किया जा चुका है. इसके लिए तमाम दूसरी व्यवस्थाएं भी बनाई जा रही हैं.

ये है जल संस्थान की तैयारी: उधर दूसरी तरफ सरकार की दूसरी बड़ी चिंता चारधाम यात्रा भी है. जहां न केवल श्रद्धालुओं को पेयजल के संकट से दूर रखने की चुनौती है, बल्कि आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी पेयजल की उपलब्धता करना जरूरी है. उसके लिए उत्तराखंड जल संस्थान ने चारधाम मार्ग में 199 टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट, 371 पिलर टाइप स्टैंड पोस्ट, 1066 हैंडपंप और 62 चरही लगाए हैं. इसके अलावा यात्रा मार्गों पर 47 वाटर प्यूरीफायर और 39 वाटर एटीएम भी स्थापित किए गए हैं. जल संस्थान का दावा है कि पेयजल की व्यवस्था बनाने के लिए 20 टैंकर भी लगाए गए हैं और बाकी किराए के 74 टैंकर भी चिन्हित किए गए हैं. इस तरह चारधाम यात्रा पर भी उत्तराखंड जल संस्थान का पूरा फोकस है. तमाम समीक्षा बैठकों में पेयजल संकट से बचने के लिए विभिन्न उपायों पर काम करने की बात भी कहीं जा रही है.
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Last Updated : May 6, 2024, 3:56 PM IST
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