सीकर : राज्य सरकार द्वारा सीकर संभाग और नीमकाथाना जिले को निरस्त किए जाने पर सीकर में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सीकर, चूरू और झुंझुनू के जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया और सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि 4 जनवरी को सीकर बंद किया जाएगा.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सीकर संभाग और नीमकाथाना को जिला का दर्जा दिया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यहां पहले विश्वविद्यालय दिया था, जिसे भाजपा सरकार ने निरस्त कर फिर से बहाल किया. उसी प्रकार, संभाग और जिले भी वापिस देने होंगे. भाजपा सरकार को जनआंदोलन के सामने झुकना पड़ेगा. शेखावाटी के तीनों सांसद जब भी कॉल करेंगे, हम हाजिर मिलेंगे. फिलहाल, तीन लोगों की कोर कमेटी के हस्ताक्षर से कार्य चलेगा, जिसमें सीकर सांसद अमराराम, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनीता गिठाला और भागीरथ जाखड़ शामिल होंगे.
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हक वापस लेकर रहेंगे : सांसद अमराराम ने कहा कि पूरे राजस्थान में तीनों संभाग निरस्त किए गए हैं, उनके लिए जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जाएगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार कुछ दे तो नहीं सकती, लेकिन दिए हुए को वापस लेना उनका कोई हक नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि चारों जिलों के लोग लड़ेंगे और अपना हक वापस लेकर रहेंगे. वहीं, सांसद राहुल कस्वां ने कहा कि राज्य सरकार ने जो निर्णय लिया है, उसके खिलाफ जनता में आक्रोश है. सीकर, चूरू और झुंझुनूं तीनों जिलों को मिलाकर ही शेखावाटी है. उन्होंने कहा कि सुजानगढ़ को भी जिला बनाने की मांग की गई थी, लेकिन उसे मंजूर नहीं किया गया. चूरू से सुजानगढ़ की बहुत दूरी है. उन्होंने कहा कि जो संघर्ष समिति बनाई गई है, जो भी आदेश देगी, हम उसका पालन करेंगे.