जोधपुर : जोधपुर एम्स में प्रियंका बिश्नोई के परिजनों व समाज का धरना समाप्त हो गया है. डीसीपी पश्चिम राजर्षि वर्मा के साथ समाज की वार्ता हुई, जिसमें डीसीपी ने उन्हें आश्वस्त किया कि जांच कमेटी की रिपोर्ट में अगर कोई भी कमी पाई गई तो हम मामला दर्ज कर कार्रवाई करेंगे. परिजन इस पर सहमत हुए. उसके बाद शव लेने पर सहमति बनी. उसके बाद परिजन शव लेकर रवाना हो गए. वहीं, फलोदी के सूरपुरा में अंतिम संस्कार होगा. प्रियंका के ससुर सहीराम बिश्नोई ने समाज को सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर कार्रवाई नहीं होती है तो वो वापस समाज के पास आएंगे. इसके बाद परिजन शव लेकर रवाना हो गए. वहीं, फलोदी के सूरपुरा में अंतिम संस्कार किया जाएगा.
दरअसल, गुजरात के अहमदाबाद स्थित एक निजी अस्पताल में बुधवार रात को उपचार के दौरान आरएएस अधिकारी प्रियंका बिश्नोई का निधन हो गया था. वहीं, आरएएस अधिकारी के परिजन और समाज के लोगों ने गुरुवार को एम्स में पोस्टमार्टम के बाद शव को उठाने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि पुलिस ने अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है. इस पर एसीपी छवि शर्मा ने कहा कि नई व्यवस्था में अस्पताल या डॉक्टर के खिलाफ बिना जांच के मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है.
परिजन और समाज के लोग जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. एसीपी छवि शर्मा ने परिजनों से कहा कि जो कमेटी जांच कर रही है, वो आपसे भी मिलेगी. ऐसे में आप उन्हें अपनी बातें बता सकते हैं. कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, बिश्नोई टाइगर फोर्स के अध्यक्ष रामपाल भवाद ने बताया कि समाज के लोग और परिजन प्रियंका बिश्नोई को न्याय दिलाने के लिए एकत्र हुए हैं. हमारी मांग है कि अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए, लेकिन पुलिस ऐसा नहीं कर रही है. ज्ञात रहे 5 सितंबर को वसुंधरा अस्पताल में ऑपेरशन के बाद प्रियंका की तबीयत खराब होने पर उन्हें 7 सिंतबर को अहमदबाद रेफर कर दिया गया था.
अस्पताल के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती : बुधवार रात को प्रियंका बिश्नोई की मौत के बाद ही पुलिस ने सावधानी बरतते हुए वसुंधरा अस्पताल के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी. ताकि कोई अनहोनी न हो सके.
जांच रिपोर्ट का इंतजार : प्रियंका बिश्नोई के ससुर सहीराम बिश्नोई ने कलेक्टर को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि वसुंधरा अस्पताल में षड्यंत्रपूर्वक कोताही बरती गई. इसके चलते कार्रवाई की जाए. इस पर कलेक्टर ने डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को जांच के लिए निर्देशित किया था. ऐसे में पांच डॉक्टरों की टीम इस मामले की जांच कर रही है.