जयपुर. अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के बैनर तले देशभर में राज्य कर्मचारी शुक्रवार को ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने, एनपीएस की जमा राशि की वापसी, आठवां वेतन आयोग लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर है. इन मांगों को लेकर पूरे देश में यह हड़ताल की जा रही है. प्रदेश में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनर तले राज्य कर्मचारियों ने जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है, तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनर तले सभी 33 जिला मुख्यालय पर राज्य कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. राजधानी जयपुर के जिला कलेक्ट्रेट पर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा और महासचिव महावीर सिहाग के नेतृत्व में सरकारी कर्मचारी एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. महावीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के बैनर तले पूरे हिंदुस्तान में आज करीब 2 करोड़ राज्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं.
उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन लागू करने, एनपीएस में जमा राशि की वापसी, ठेका कर्मियों की रेगुलराइजेशन, निजीकरण पर रोक, खाली पदों को भरने, आठवें पे कमीशन का गठन, 18 महीने के बकाया डीए डीआर को रिलीज करने आदि मांगों को लेकर आज कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर रहे हैं. शर्मा ने कहा कि एनपीएस लागू करने के लिए जो बिल लाया गया है उसे वापस लिया जाए. साथ ही राज्य कर्मचारियों के एनपीएस के 61000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार के पास जमा हैं. उन्हें भी लौटाया जाए. उन्होंने कहा कि कई बार मांग करने के बावजूद भी अभी तक आठवां वेतन आयोग लागू नहीं किया गया है.
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महावीर प्रसाद शर्मा ने कहा कि यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है, तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी और एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार दोहरे मापदंड अपना रही है. एक तरफ तो कहा जा रहा है कि जीएसटी के तहत रिकॉर्ड कलेक्शन हुआ है. दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि कर्मचारियों को वेतन भत्ते देने के लिए भी उनके पास पैसा ही नहीं है. उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस देने का काम कर्मचारियों का है, कोविड जैसी महामारी में भी पब्लिक सेक्टर ने बहुत अच्छा काम किया और हिंदुस्तान के मॉडल को दुनिया भर में सराहा गया. उन्होंने कहा कि देशभर के 2 करोड़ राज्य कर्मचारी ओपीएस को लेकर लामबंद हैं और सरकार से ओपीएस लेकर ही रहेंगे.
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महासंघ के महासचिव महावीर सिहाग ने कहा कि यदि सरकार नहीं मानती है, तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने एक बड़ा आरोप लगाया कि प्रदेश में जब से नई सरकार बनी है तब से सरकार के बड़े अधिकारी और राजनीतिक नेतृत्व कर्मचारियों को डराने और बदनाम करने का काम कर रहे हैं. कर्मचारी और आम जनता को लड़ाने का काम किया जा रहा है. आज कर्मचारी, मजदूर और किसान अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहा है. ऐसी स्थिति में कामगारों की एकता को मजबूत किया जाएगा और कर्मचारी और आम जनता को लड़ाने की साजिश को विफल किया जाएगा.