नई दिल्ली: इजरायल और हमास के बीच लंबे समय जारी जंग में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई है. इजरायल की ओर से रफाह में किए जा रहे हमले के खिलाफ अब दिल्ली में भी आवाज उठने लगी हैं. वामपंथी संगठन सीटू और दूसरे कई संगठनों ने आज शनिवार को रफाह में इजरायली नरसंहार के खिलाफ बैनर पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की. फिलिस्तीन एकजुट समिति के अंतर्गत इस विरोध प्रदर्शन में बच्चे, युवा, महिला और बुजुर्गों ने शामिल होकर मोदी सरकार से भी इजरायल को हथियार सप्लाई बंद करने का आग्रह किया.
सीटू के नेताओं ने मोदी सरकार से मांग की कि वो इसरायल को हथियार भेजना बंद करे. संगठन के नेताओं ने कहा कि रफाह में इजरायली नरसंहार जारी है और अमेरिका उसको 10 मिलियन से ज्यादा की आर्थिक मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसे कई मुल्क हैं जोकि शुरुआत में इजरायल का पहले समर्थन कर रहे थे, लेकिन अब जनता के विरोध के सामने आने के बाद उनका नजरिया बदल गया है.
यूरोपियन देश भी अब इजरायली नरसंहार का विरोध करने के लिए मजबूर हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार कोई भी देश ऐसी जगहों पर हमला नहीं कर सकता जिसमें स्कूल, अस्पताल, रिलीफ कैंप और हमले से बचने के लिए बनाये गए सेंटर आदि शामिल हैं. लेकिन इजरायल इन सभी जगहों को एयर स्ट्राइक या दूसरी तरह से हमले कर निशाना बना रहा है.
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प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीन पर अमेरिका इजरायल आक्रमण बंद करने, स्टॉप द जनोसाइड और दूसरी तरह के जोरदार नारे लगाए और बैनर के जरिये इजरायल से नरसंहार को रोकने की मांग की गई. संगठनों ने मांग की कि रफाह में निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारने वाले इजरायल की मदद को मोदी सरकार को तत्काल रोक देना चाहिए. भारत सरकार को इजरायल को किसी भी तरह के हथियारों की सप्लाई नहीं करनी चाहिए.
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