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फॉरेस्ट वाचर के समर्थन में समाजवादी लोक मंच का धरना प्रदर्शन, मृतक के परिजनों को 50 लाख मुआवजे की डिमांड - Demands of forest watchers

Protest for forest watchers in Ramnagar उत्तराखंड में इस साल वनाग्नि की घटनाओं की भरमार रही. वन वाचर आग बुझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वन वाचरों की जान को खतरे में देख समाजवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने उनके लिए मुआवजा और सहायता राशि के साथ परिजनों के लिए नौकरी की मांग रखी है. क्या हैं ये मांगें, पढ़िए इस खबर में.

Protest for forest watchers
रामनगर धरना प्रदर्शन (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 28, 2024, 9:51 AM IST

रामनगर: जंगलों की आग बुझाने के दौरान मारे गए वन वाचरों के परिवार को 50 लाख और घायलों को 25 लाख रुपये देने की मांग की गई है. इसके साथ ही मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग भी रखी गई है. समाजवादी लोकमंच के कार्यकर्ताओं ने आग बुझाने के सभी यन्त्रों के साथ ही वन वाचरों की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन कर धरना दिया.

प्रदर्शनकारी मनीष कुमार अग्रवाल ने बताया कि आज उत्तराखंड का 1700 हेक्टेयर जंगल पूरी तरह आग की भेंट चढ़ गया है, लेकिन सरकार जंगलों को बचाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जंगलों में आग बुझाने को लेकर तैनात किए गए कई वाचरों की मौत होने के साथ ही कई घायल हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपए एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे. घायलों को 25 लाख रुपए का मुआवजा दे. इसके साथ ही इस कार्य में जुटे कर्मचारियों को शीघ्र वेतन देने के साथ ही उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. उन्हें अग्निशमन यंत्र उपलब्ध कराते हुए नौकरी पर पक्का किया जाए. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो इसके खिलाफ एक उग्र आंदोलन किया जाएगा.

गौरतलब है कि इस साल उत्तराखंड में वनों में रिकॉर्डतोड़ आग लगने की घटनाएं हुई हैं. अल्मोड़ा बिनसर वन्यजीव अभ्यारण्य वनाग्नि कांड में 5 वनकर्मियों की जान चली गई. इस वनाग्नि कांड में बुरे तरह झुलसे 3 कर्मचारियों का एम्स दिल्ली में इलाज चल रहा है.
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रामनगर: जंगलों की आग बुझाने के दौरान मारे गए वन वाचरों के परिवार को 50 लाख और घायलों को 25 लाख रुपये देने की मांग की गई है. इसके साथ ही मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग भी रखी गई है. समाजवादी लोकमंच के कार्यकर्ताओं ने आग बुझाने के सभी यन्त्रों के साथ ही वन वाचरों की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन कर धरना दिया.

प्रदर्शनकारी मनीष कुमार अग्रवाल ने बताया कि आज उत्तराखंड का 1700 हेक्टेयर जंगल पूरी तरह आग की भेंट चढ़ गया है, लेकिन सरकार जंगलों को बचाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जंगलों में आग बुझाने को लेकर तैनात किए गए कई वाचरों की मौत होने के साथ ही कई घायल हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपए एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे. घायलों को 25 लाख रुपए का मुआवजा दे. इसके साथ ही इस कार्य में जुटे कर्मचारियों को शीघ्र वेतन देने के साथ ही उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. उन्हें अग्निशमन यंत्र उपलब्ध कराते हुए नौकरी पर पक्का किया जाए. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो इसके खिलाफ एक उग्र आंदोलन किया जाएगा.

गौरतलब है कि इस साल उत्तराखंड में वनों में रिकॉर्डतोड़ आग लगने की घटनाएं हुई हैं. अल्मोड़ा बिनसर वन्यजीव अभ्यारण्य वनाग्नि कांड में 5 वनकर्मियों की जान चली गई. इस वनाग्नि कांड में बुरे तरह झुलसे 3 कर्मचारियों का एम्स दिल्ली में इलाज चल रहा है.
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