नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का मेन गेट एक अप्रैल से छात्रों ने बंद कर दिया है. आरोप है कि कैंपस के अंदर एक छात्रा के साथ कैंपस के ही कुछ छात्रों ने सेक्सुअल हैरेसमेंट किया है. इस मामले में शिकायत देने के बाद भी जेएनयू प्रशासन द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है.
इसी कड़ी में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष धनंजय ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस किया. उन्होंने जेएनयू प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रशासन द्वारा इस मामले कोई ठोस कदम अगर नहीं उठाया गया तो आने वाले मंगलवार को कैंपस में हड़ताल किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार, घटना 30 और 31 मार्च के रात की है. पीड़िता का आरोप है कि वह कैंपस के अंदर देर रात अपने एक दोस्त के साथ जा रही थी तभी एक गाड़ी से कुछ छात्रों ने उनके ऊपर कमेंट पास किया. इस बात की शिकायत लेकर जब वह सिक्योरिटी गार्ड के पास गई तो पीड़िता का आरोप है कि वह छात्र वहां पर भी आए उन्हें गाली दिए.
पीड़िता का आरोप है कि प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से उनकी शिकायत को दर्ज किया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया है. पीड़िता ने इस घटना के बाबत किसी तरह की कोई पुलिस शिकायत नहीं दी है. पीड़िता का कहना है कि कैंपस में ऐसे मामलों के लिए जांच कमेटी है. पहले वह चाहती हैं की प्रशासन इस पूरे मामले को देखें और कार्रवाई करें.
बता दें, इस मुद्दे को लेकर 1 अप्रैल से ही छात्रों द्वारा प्रदर्शन के दौरान जेएनयू के मेन गेट को बंद कर दिया गया. उसी दिन से कई छात्र मेन गेट के धरने पर बैठे हुए हैं. प्रदर्शन के बीच 9 अप्रैल को वाइस चांसलर खुद प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए आए थे और उन्हें गेट को खाली करने के लिए कहा था. उस समय छात्रों ने उनका वीडियो रिकॉर्डिंग किया था. छात्रों का कहना है कि वीसी धरने पर बैठे छात्रों को धमका रहे थे.