वाराणसी: विश्वनाथ मंदिर के ज्ञानवापी गेट पर गुरुवार को एक नए दरवाजे को लगाए जाने के विरोध के बाद आज शुक्रवार को जुम्मे की नमाज से पहले बड़ी संख्या में नमाजी मेन गेट पर इकट्ठा हो गए और अपना विरोध दर्ज कराया. नमाजियों ने नमाज पढ़ने से भी इनकार किया और एंट्री करने से भी मना कर दिया था.
हालांकि बाद में समझा बुझाकर सभी को अंदर भेजा गया. हंगामे की सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और पुलिसकर्मियों के वहां पहुंचने के बाद नमाजी और पुलिस के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई, लेकिन बाद में स्थिति सामान्य हो गई. मुफ्ती ए बनारस के साथ ही अन्य नमाजी अंदर चले गए.
मामला गुरुवार से शुरू हुआ था. जब ज्ञानवापी सुरक्षा समिति के आगरा पर मंदिर प्रशासन ने वहां एक गेट लगवाना शुरू किया था. इस दौरान सूचना पर कल बड़ी संख्या में नमाजी वहां पहुंचे और विरोध प्रदर्शन करते हुए गेट पर ही अपना विरोध दर्ज करने लगे.
इस दौरान प्रशासन और मंदिर प्रशासन के साथ ही पुलिस ने समझा बुझाकर मामले को रफा दफा करवाया और शाम तक स्थिति सामान्य हो गई. आज सावन की शिवरात्रि के साथ ही जुम्मे की नमाज होने की वजह से बड़ी संख्या में नमाजी यहां पहुंचे हुए थे.
दोपहर में नमाजी अंदर जाने को तैयार नहीं हुए. उनका कहना था कि जो नई चौखट बनाई गई है, उसे हटाया जाए. इसके बाद अफसर नमाजियों को समझने में जुठे रहे. शहर मुफ्ती डॉ. अब्दुल बातिन नोमानी का कहना है कि कल हमने इसका विरोध दर्ज कराया था. गेट तो नहीं लगने दिया, लेकिन जितना काम हुआ है उसको भी हटाया जाए क्योंकि, कोई भी नया काम नहीं होगा. यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है.
एडीएम सिटी आलोक कुमार का कहना है कि यह सारी चीज जल्द हटा ली जाएगी. फिलहाल दोनों की सहमति पर ही काम करने की बात जिला प्रशासन भी कर रहा है. अभी स्थिति सामान्य हैं और नमाजी अंदर जा चुके हैं.
मुफ्ती का कहना है कि परिसर के अंदर जो दरवाजा लगाया जा रहा है उसे लेकर हमें आपत्ति है. क्योंकि उससे मस्जिद को खतरा है. हमने कल भी विरोध किया था आज भी विरोध है, गेट नहीं लग पाया है, लेकिन हमारा मानना है जो काम पहले हुआ है उसको भी हटा दिया जाए. इसकी बुनियाद खत्म की जाए यह प्रशासन की मनमानी है.
प्रशासन से हमारी बातचीत हुई थी. एडीएम सिटी ने जिम्मेदारी के साथ बोला था कि रात 1:00 बजे तक इस हटवा दिया जाएगा. हम इसकी मांग को पूरा करेंगे हम इंतजार करते रहे लेकिन खुद एडीएम सिटी साहब ने कहा था. अब वही कह रहे हैं कि हो नहीं पाया. उनका कहना था गेट नहीं लगा और न लगेगा.
मुफ्ती का कहना है यह सुरक्षा कारणों से तो है ही साथ ही बात कुछ और भी है. प्रशासन की मंशा हमें अच्छी नहीं लग रही है हमारा विरोध जारी रहेगा वही चीज पर दोहराई जा रही है.