बालोद: बालोद जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अनोखे तरीके से गौ सत्याग्रह को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हुए कुछ गायों को और सड़क पर घूम रहे गायों को लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे. हालांकि एसडीएम कार्यालय के बाहर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेटिंग कर रखी थी. एसडीएम कार्यालय के बाहर कांग्रेसियों ने जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही एसडीएम को ज्ञापन सौंपा लेकिन एसडीएम उस समय मौजूद नहीं थे.
एसडीएम को लौटकर आना पड़ा जिला मुख्यालय: एसडीएम को ज्ञापन न देने पर कांग्रेसियों ने विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बाद दौर पर गए एसडीएम को वापस ज्ञापन लेने के लिए जिला मुख्यालय आना पड़ा. जिले के विधायकों ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया.
जानिए क्या कहते हैं प्रदर्शनकारी ?: इस प्रदर्शन को लेकर विधायक कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि, "प्रदेशभर में हो रही गायों की मौत और खुले मवेशियों के कारण सड़कों में हो रही दुर्घटना बड़ी समस्या है. इसके साथ ही आवारा मवेशियों से खेतों की चराई पूरे प्रदेश में बड़ी समस्या बन कर उभरी है. छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद से प्रदेश में गौवंश बदहाल है. गोधन न्याय योजना को बंद करके गौवंशी पशुओं को सड़क पर बेमौत मरने के लिए छोड़ा गया है."
"गौठान योजना के बंद होने से प्रदेश में गौवंश के लिए अब कोई विकल्प नहीं बचा है. सड़कों पर घूमने के लिए गाय मजबूर हैं. जनता को भी इस सरकार ने सड़क पर लाकर रख दिया है.": संगीता सिन्हा, विधायक
साय सरकार गौवंश हितैषी का कर रही ढोंग: इस पूरे मामले में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर ने कहा, "आज हम जहां भी जाते हैं. हर तरफ गाय सड़कों पर नजर आती है. कहीं घायल अवस्था में, तो कहीं दुर्घटना का शिकार. साय सरकार गौ वंश का हितैषी बनने का ढोंग करती है. हालांकि हकीकत कुछ और ही है."
बता दें कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ता गौ सत्याग्रह को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध के दौरान गायों को लेकर कलेक्ट्रेट छोड़ने जाते नजर आए. साथ ही प्रदेश की साय सरकार को गोवंशों को लेकर लापरवाह बता रही है. हालांकि इस बारे में अब तक बीजेपी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.