नई दिल्ली/गाजियाबाद: डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद द्वारा दिए गए विवादित बयान के खिलाफ लगातार देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मंगलवार को वर्ल्ड पीस हार्मनी संस्था के अध्यक्ष शकील सैफी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. जहां पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया. पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों के पास प्रदर्शन या पैदल मार्च करने की अनुमति नहीं थी, जिसके चलते प्रदर्शनकारियों को गाजीपुर बॉर्डर पर रोका गया. हालांकि, पुलिस को इसके बारे में सूचना थी, जिसके चलते गाज़ीपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी.
हाजी शकील सैफी बड़ी संख्या में गाड़ियों के काफिले के साथ दिल्ली से गाजीपुर बॉर्डर के रास्ते गाजियाबाद में दाखिल हुए थे लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर ही पुलिस द्वारा तमाम प्रदर्शनकारियों को रोका गया. उन्होंने एक बयान में कहा कि हमको गाजीपुर बॉर्डर पर ही पुलिस फोर्स ने रोक लिया. डासना कलेक्टर ऑफिस तक जाने नहीं दिया गया. हमने अपना ज्ञापन गाजीपुर बॉर्डर पर ही पुलिस प्रशासन को दे दिया है.
"दिल्ली की संस्था वर्ल्ड पीस हार्मनी के अध्यक्ष हाजी शकील सैफी दिल्ली से गाजियाबाद में जाने का प्रयास कर रहे थे. उनके पास किसी भी तरह का प्रदर्शन या पैदल मार्च करने की पुलिस प्रशासन की तरफ से दी गई कोई अनुमति नहीं थी. इसके बाद शकील सैफी को बॉर्डर पर ही रोका गया और उनको समझाया गया. उन्होंने हमारी बातों को समझा. जिसके बाद मौके पर ही अपना ज्ञापन सौंपा और दिल्ली वापस चले गए. पुलिस प्रशासन के साथ शकील सैफी द्वारा सहयोग किया गया." स्वतंत्र कुमार सिंह, एसीपी इंदिरापुरम
यति नरसिंहानंद गाजियाबाद के डासना में स्थित शिव शक्ति धाम मंदिर के महंत हैं और वह जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर भी हैं. उन्होंने हाल ही में पैगंबर मोहम्मद पर एक टिप्पणी की थी. आरोप है कि यति नरसिंहानंद के बयान से मुस्लिम समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा है. नरसिंहानंद का बयान वायरल होने के बाद उनके खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हुआ. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यति नरसिंहानंद को जेल भेजने की मांग की. वही, बसपा और सपा समेत कई राजनीतिक दलों ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की, इसके बाद पुलिस एक्शन में आई और महंत के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की.
ऐसा पहली बार नहीं है कि जब यति नरसिंहानंद को लेकर इतना बवाल मचा है. इससे पहले उन्होंने हरिद्वार में हुई धर्म संसद में मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था. इसके अलावा उन्होंने 2022 में ही एक मुस्लिम बच्चे को बेरहमी से पीटा था. बता दें कि बच्चा मंदिर के नल से पानी पी रहा था. यति नरसिंहानंद ने बच्चे के साथ हुई घटना को सही ठहराया था. इन घटनाओं के बाद भी यति नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी थी.
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