लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का बड़ा भूमिहार नेता बीजेपी में बहुत जल्द शामिल होगा. इसकी जोरदार तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. बीजेपी इस बड़े नेता को पूर्वांचल की गाजीपुर सीट से चुनाव लड़ाएगी. इस सीट से मुख़्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी इंडी गठबंधन के उम्मीदवार हैं. मुख़्तार अंसारी की मौत के बाद बने भावनात्मक माहौल को काटने के लिए इस बड़े भूमिहार नेता को बीजेपी में लाने की तैयारी की जा रही है. उच्च स्तर पर मुख़्तार के आतंक का सताया हुआ यह नेता बीजेपी के बड़े नेताओं के संपर्क में है. आने वाले चंद दिनों में यह महत्वपूर्ण फैसला किया जा सकता है.
भारतीय जनता पार्टी में पूर्वांचल की गाज़ीपुर सीट से अब तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद यासीन भारतीय जनता पार्टी के लिए और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है. सपा के उम्मीदवार अफजाल अंसारी के पक्ष में भावनाओं के ज्वार को नियंत्रित करना बीजेपी के लिए बहुत मुश्किल होगा. इस सीट को लेकर भारतीय जनता पार्टी अब बहुत बड़ा आक्रामक गांव खेलने की तैयारी में लगी हुई है, जिसमें बहुत बड़े नेता को भाजपा में शामिल किया जा रहा है.
हाल ही में कांग्रेस से कुछ चौंकाने वाले नाम भाजपा में शामिल हो चुके हैं. वाराणसी से राजेश मिश्रा, हरियाणा से बक्सर विजेंद्र सिंह और राजस्थान से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. जिसमें अब और बड़े नाम को जोड़े जाने की तैयारी की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस पार्टी के बड़े भूमिहार नेता को बीजेपी में लाया जाएगा.
यह वही नेता हैं जिसके परिवार के एक सदस्य की हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर लग चुका है. फिलहाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में एक बड़े पद पर तैनात इस नेता को बीजेपी में शामिल करने को लेकर पार्टी पूरी तरह से सक्रिय है. बड़े नेता संपर्क करने में लगे हुए हैं. भूमिहार समाज का होने के नातेपूर्वांचल की गाज़ीपुर सीट पर इस नेता का प्रभाव माना जा रहा है. जिससे भविष्य में भारतीय जनता पार्टी को लाभ हो सकता है.
प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए बीजेपी में आ गई थीं रीता बहुगुणा जोशी: साल 2014 में कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष थी रीता जोशी बहुगुणा प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. 2017 में उन्होंने बीजेपी की टिकट से कैंट से चुनाव लड़ा और चुनाव जीता वह मंत्री बनाई गई थीं. इसलिए बड़े बदलाव होना कोई बड़ी बात नहीं मानी जाती है.