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संविधान दिवस पर कई कार्यक्रमों का आयोजन, निरसा और खूंटी में पुलिस पदाधिकारियों ने ली संविधान की शपथ - CONSTITUTION DAY 2024

धनबाद और खूंटी समेत राज्य में संविधान दिवास मनाया गया. इस मौके पर पुलिस महकमे में भी संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा गया.

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निरसा और खूंटी में संविधान दिवस पर कार्यक्रम (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 26, 2024, 7:07 PM IST

Updated : Nov 26, 2024, 8:03 PM IST

धनबाद/खूंटी: भारत के संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले ऐतिहासिक समारोह शुरुआत की घोषणा की है. यह निर्णय भारतीय लोकतंत्र की उल्लेखनीय यात्रा और हमारे संस्थापक सिद्धांतों तथा संवैधानिक मूल्यों की स्थायी विरासत को दर्शाता है, जो संविधान दिवस 26 नवंबर 2024 यानी मंगलवार से शुरू हुआ. ये समारोह 'हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान' अभियान के तहत आयोजित किए जा रहे हैं और इसका उद्देश्य संविधान में निहित मूल मुल्यों को दोहराते हुए संविधान के निर्माताओं के योगदान का सम्मान करना है.

उसी के तहत पूरे देश के सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं एवं प्रशासनिक कार्यालयों में जगह-जगह संविधान के रचयिता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के द्वारा बनाए हुए संविधान को याद किया जा रहा है. इस मौके पर निरसा अनुमंडल पुलिस कार्यालय परिसर में भी संविधान दिवस मनाया गया. जहां निरसा अनुमंडल क्षेत्र के सभी थाना एवं ओपी प्रभारी उपस्थित हुए. एसडीपीओ रजत मणिक बाखला द्वारा संविधान की शपथ को दोहराया गया. एसडीपीओ ने बताया कि आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया. जो 26 जनवरी 1950 से लागू है.

संविधान दिवस समारोह को लेकर जानकारी देते निरसा एसडीपीओ (ईटीवी भारत)

भारतीय संविधान ने इतिहास में एक नए युग की शुरुआत की है. 26 नवंबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान को अपनाया गया था, जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की आधारशिला है. संविधान की स्थापना के बाद से पिछले 75 वर्षों से राष्ट्र की प्रगति को आकार देने वाले मार्गदर्शक ढांचे के रूप में कार्य कर रहा है और हम सभी उसी संविधान को पालन करते हुए कार्य करते हैं.

खूंटी समाहरणालय में कार्यक्रम

संविधान दिवस के अवसर खूंटी समाहरणालय के सभागार में भी एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त श्याम नारायण राम के साथ सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों ने संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए संविधान की प्रस्तावना को सामूहिक रूप से पढ़ा. उप विकास आयुक्त ने संविधान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय संविधान हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों, अधिकारों और कर्तव्यों का प्रतीक है. उन्होंने सभी को संविधान के आदर्शों का पालन करने का अपील की.

खूंटी में संविधान दिवस पर कार्यक्रम (ईटीवी भारत)

इस दौरान सभी उपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने संविधान की मूल भावना के प्रति निष्ठा बनाए रखने का संकल्प लिया. यह आयोजन राज्य सरकार के निर्देश पर संविधान के महत्व को समझाने और सभी नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया है. जिसके तहत संविधान दिवस के मौके पर जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने संविधान की प्रस्तावना को सामूहिक रूप से पढ़ा. जिला समाहरणालय के अलावा जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में शपथ पढ़ा गया.

ये भी पढ़ें- संविधान दिवस पर याद किए गए बाबा साहब, शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों ने अर्पित किए श्रद्धा सुमन

सिमडेगा में संविधान दिवसः कहीं बाबा साहब को श्रद्धांजजि दी गयी तो लोगों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़कर ली शपथ

रांची में संविधान दिवस पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को किया याद, संविधान की प्रस्तावना पढ़कर लोगों ने ली शपथ

धनबाद/खूंटी: भारत के संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले ऐतिहासिक समारोह शुरुआत की घोषणा की है. यह निर्णय भारतीय लोकतंत्र की उल्लेखनीय यात्रा और हमारे संस्थापक सिद्धांतों तथा संवैधानिक मूल्यों की स्थायी विरासत को दर्शाता है, जो संविधान दिवस 26 नवंबर 2024 यानी मंगलवार से शुरू हुआ. ये समारोह 'हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान' अभियान के तहत आयोजित किए जा रहे हैं और इसका उद्देश्य संविधान में निहित मूल मुल्यों को दोहराते हुए संविधान के निर्माताओं के योगदान का सम्मान करना है.

उसी के तहत पूरे देश के सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं एवं प्रशासनिक कार्यालयों में जगह-जगह संविधान के रचयिता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के द्वारा बनाए हुए संविधान को याद किया जा रहा है. इस मौके पर निरसा अनुमंडल पुलिस कार्यालय परिसर में भी संविधान दिवस मनाया गया. जहां निरसा अनुमंडल क्षेत्र के सभी थाना एवं ओपी प्रभारी उपस्थित हुए. एसडीपीओ रजत मणिक बाखला द्वारा संविधान की शपथ को दोहराया गया. एसडीपीओ ने बताया कि आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया. जो 26 जनवरी 1950 से लागू है.

संविधान दिवस समारोह को लेकर जानकारी देते निरसा एसडीपीओ (ईटीवी भारत)

भारतीय संविधान ने इतिहास में एक नए युग की शुरुआत की है. 26 नवंबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान को अपनाया गया था, जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की आधारशिला है. संविधान की स्थापना के बाद से पिछले 75 वर्षों से राष्ट्र की प्रगति को आकार देने वाले मार्गदर्शक ढांचे के रूप में कार्य कर रहा है और हम सभी उसी संविधान को पालन करते हुए कार्य करते हैं.

खूंटी समाहरणालय में कार्यक्रम

संविधान दिवस के अवसर खूंटी समाहरणालय के सभागार में भी एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त श्याम नारायण राम के साथ सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों ने संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए संविधान की प्रस्तावना को सामूहिक रूप से पढ़ा. उप विकास आयुक्त ने संविधान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय संविधान हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों, अधिकारों और कर्तव्यों का प्रतीक है. उन्होंने सभी को संविधान के आदर्शों का पालन करने का अपील की.

खूंटी में संविधान दिवस पर कार्यक्रम (ईटीवी भारत)

इस दौरान सभी उपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने संविधान की मूल भावना के प्रति निष्ठा बनाए रखने का संकल्प लिया. यह आयोजन राज्य सरकार के निर्देश पर संविधान के महत्व को समझाने और सभी नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया है. जिसके तहत संविधान दिवस के मौके पर जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने संविधान की प्रस्तावना को सामूहिक रूप से पढ़ा. जिला समाहरणालय के अलावा जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में शपथ पढ़ा गया.

ये भी पढ़ें- संविधान दिवस पर याद किए गए बाबा साहब, शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों ने अर्पित किए श्रद्धा सुमन

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Last Updated : Nov 26, 2024, 8:03 PM IST
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